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उत्तराखंड में जल्द लागू होगा यूसीसी, सीएम धामी बोले-दो फरवरी को सरकार को ड्राफ्ट सौंपेगी विशेषज्ञ समिति

Uniform Civil Code in Uttarakhand: समान नागरिक संहिता देशभर में बहस का मुद्दा बना हुआ है। बीजेपी इसके पक्ष में है तो वहीं कई विपक्षी दल इसपर सवाल उठाते रहे हैं। अगर यह लागू होता है तो सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होगा।

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी
Uniform Civil Code in Uttarakhand Expert committee submit UCC draft to government: उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगी। इसे लेकर बनाई गई विशेषज्ञ समिति दो फरवरी को यूसीसी का ड्राफ्ट राज्य सरकार को सौंपेगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार राज्य के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए संकल्पित है। उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी है और सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। सीएम ने बताया है कि उनकी सरकार आने वाले विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को उत्तराखंड में लागू करेगी। बता दें कि दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने वायदे के मुताबिक 23 मार्च 2022 को हुई पहली कैबिनेट बैठक में राज्य में नागरिक संहिता कानून (यूसीसी) लागू करने का फैसला किया। यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए 27 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की गई थी। ये भी पढ़ें-Jobs 2024: 10वीं-12वीं पास के लिए नौकरियां ही नौकरियां, ISRO समेत कई जगह भर्ती का मौका क्या कहा मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'एक भारत,श्रेष्ठ भारत' के विजन और चुनाव से पूर्व उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता के समक्ष रखे गए संकल्प एवं उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप हमारी सरकार प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने हेतु सदैव प्रतिबद्ध रही है। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसौदा तैयार करने के लिए बनी कमेटी 2 फरवरी को अपना ड्राफ्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगी और हम आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लाकर समान नागरिक संहिता को प्रदेश में लागू करेंगे। कौन-कौन है पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति में यूसीसी को लेकर जो 5 सदस्यीय समिति बनाई गई थी उसमें सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जज जस्टिस रंजना देसाई हैं। उन्हीं की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। इसमें दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस प्रमोद कोहली, उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ हैं। क्या है समान नागरिक संहिता समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में देश के सभी धर्म और समुदाय के लोगों के लिए एक तरह का कानून होगा। किसी धर्म, जाति के लिए शादी और तलाक जैसे मामलों में अलग कानून नहीं होगा। भारत में सिर्फ गोवा राज्य में यह कानून लागू है। इसे लागू करने की राह में कई तरह की चुनौतियां होती हैं। राष्ट्रीय एकता एवं धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना इसका फायदा बताया जाता है और कहा जाता है कि इससे महिलाओं के साथ भेदभाव और अत्याचार दूर करने में मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने भी इसे देश के लिए जरूरी बताया था। ये भी पढ़ें-जनरल कैंडिडेट्स से नहीं भरी जाएंगी SC, ST, OBC की सीटें, गाइडलाइन के विरोध के बाद UGC की सफाई


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