सीएम योगी की राह पर चल पड़ी शिवराज सरकार, यूपी की तरह अब MP में अवैध मदरसों पर होगी तालाबंदी
मदरसों
विपिन श्रीवास्तव, भोपाल: अवैध मदरसों की तालाबंदी को लेकर CM योगी की राह पर अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार चल पड़ी है। मध्य प्रदेश में ऐसे मदरसों को बंद किया जाएगा जो फर्जी अवैध या गैरकानूनी तौर पर धड़ल्ले से चल रहे हैं। यूपी की तरह अब मध्यप्रदेश में अवैध तरीके से संचालित मदरसों की पड़ताल शुरू हो गई है। ऐसे मदरसों पर अब ताला लगाया जा रहा है। शिवराज सरकार की पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर ने दो टूक कह दिया है कि जो मदरसे नियमों से हिसाब से ठीक नहीं हैं, उन्हें बंद किया जाएगा।
उषा ठाकुर ने कहा है कि राज्य सरकार को ऐसी जानकारी मिली है कि प्रदेश के कई ऐसे मदरसे हैं जो सिर्फ कागजों पर ही चल रहे हैं। साथ ही कुछ मदरसे ऐसे भी हैं जिनमें एक कमरे में टेबल और बोर्ड लगाकर संचालन किया जा रहा है। भोपाल में ही 447 मदरसों में से करीब 45 अवैध मदरसे बंद किए गए हैं। ऐसे गैर मान्यता प्राप्त और कागजों पर चलने वाले फर्जी मदरसों को जल्द बंद कर करने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के लिए कहा गया है।
फर्जी मदरसों की जारी हो रही है पड़ताल
मध्यप्रदेश में तकरीबन 7700 से ज्यादा रजिस्टर्ड मदरसे हैं लेकिन मध्यप्रदेश बाल आयोग ने ऐसे मदरसों की तहकीकात की जो अवैध तरीके से संतुलित किए जा रहे हैं। बाल आयोग का दावा है कि कई मदरसे हैं जो मदरसा बोर्ड में बिना रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से चल रहे हैं। बाल आयोग की टीम भोपाल के अलग-अलग इलाकों में पहुंचकर फर्जी मदरसों की पड़ताल कर रही है।
ये तस्वीर हैं भोपाल के बाणगंगा इलाके की जहां पहुंचीं बाल आयोग की टीम को तंग गलियों में अवैध मदरसे में पहुंची जिसकी जानकारी मदरसा बोर्ड ने बाल आयोग को दी थी। जो गैर कानूनी तौर पर संचालित हो रहा थे। जिन पर अब तालाबंदी हो चुकी है।
मदरसा महोम्मदिया रुहुल कुरआन
इसी नाम से इस तंग गली में गैर कानूनी मदरसा संचालित हो रहा था। इसका रजिस्ट्रेशन 7 जून 2013 में कराया गया था, लेकिन रजिस्ट्रेशन से बाद इस जगह संचालित मदरसे की मान्यता की अनुमति के दस्तावेज मदरसा बोर्ड ने जारी नहीं किए बावजूद इसके इस जगह पर एक कमरे में ये मदरसा संचालित हो रहा था। जिस पर अब ताला लग चुका है।
मदरसा अरबिया दारुल फलाह
इसी बाणगंगा इलाके में ये दूसरा मदरसा है जिस पर अब ताला लग चुका है। इस मदरसे की नवीन मान्यता के लिए साल 2020 में आनलाइन आवेदन दिया गया था। लिहाजा इसी मान्यता भी मदरसा बोर्ड ने नहीं दी बावजूद इसके ये मदरसा संचालित होता रहा और अब इस एक कमरे में चलने वाले अवैध मदरसे पर ताला लग चुका है।
बाल आयोग का दावा है कि इन मदरसों में बच्चों की ह्यूमन ट्रैफिकिंग का गैरकानूनी काम किया जा रहा था। ऐसे और भी मदरसे हैं जो फर्जी और अवैध तरीके से संतुलित हो रहे हैं, जिनकी जानकारी मदरसा बोर्ड को पत्र लिखकर मांगी गई है। जिन्हें चिन्हित कर बंद करने के लिए राज्य सरकार को अनुमोदित किया जाएगा।
बहरहाल, इससे पहले भी मदरसों में आतंकवादी की ट्रैनिंग देने का बयान देकर सरकार की धर्मस्य मंत्री उषा ठाकुर विवादों में घिर गईं थीं और अब अवैध मदरसों को बंद करने की तैयारी से सियासत गर्माने लगी है।
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