‘चंद्रमा की बदसूरत तस्वीरों को जारी नहीं करें इसरो’, जानें रामगोपाल यादव ने वैज्ञानिकाें से क्याें की ये अनूठी मांग?
Ramgopal Yadav Demand ISRO
Ramgopal Yadav Demand ISRO Don't Release Moon Dirty Picture: संसद में इन दिनों विशेष सत्र चल रहा है। इस दौरान राज्यसभा की कार्यवाही के वक्त ऐसा वाकया हुआ कि सभी सांसद जोर-जोर से हंसने लगे। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग विषय को लेकर की गई चर्चा के दौरान भारत के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से से एक अनुठी मांग कर डाली। सपा सांसद ने भारत के चंद्रयान-3 के तहत खींची जा रही चंद्रमा की बदसूरत तस्वीरों को जारी करने के बजाय वे अपने अध्ययन के लिए सहेज कर रखें। उन्होंने कहा कि तस्वीरें जारी करने से खूबसुरती का प्रतीक माने जाने वाले लोगों के मन में यह बात लग जाती है।
रामगोपाल यादव ने ऐसे समझाया
रामगोपाल यादव ने कहा कि अनंतकाल से हम लोग चंद्रमा को खूबसूरत मानते आए हैं। हम अपने वैज्ञानिकों से कहेंगे कि चंद्रमा की बदसूरत फोटो भेजने की बजाय उनकी चर्चा कीजिए। इससे पहले उन्होंने मध्यकाल के हिंदी कवि केशव के एक दोहे का उल्लेख करते हुए कहा कि केसव केसन अस करि ज्यों अरि हूं न कराय चंद्रबदन मृगलोचनी बाबा बाबा कहि कहि जाय। इसका मतलब समझाते हुए उन्होंने कहा कि मध्यकाल के कवि केशव ने सफेद केशों को कोसते हुए कहा कि उनके कारण चंद्रमा के समान मुख वाली और हिरन के समान आंखों वाली लड़कियां उन्हें बाबा कहकर संबोधित करती हैं। उन्होंने बताया कि पुरुष और महिलाओं के नाम में चंद देखने को मिलता है इसका कारण चंद्रमा की सुंदरता है।
विपक्ष ने की आलोचना
सदन में चर्चा के दौरान विपक्ष ने वैज्ञानिकों के वेतन में वृद्धि और वैज्ञानिक अनुसंधान में कर्म खर्च को लेकर सरकार की आलोचना की। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में देश की उपलब्धियां किसी एक सरकार के कार्यकाल में हासिल नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि नेता सदन के भाषण से ऐसा प्रतीत होता है कि देश की गौरवशाली अंतरिक्ष यात्रा की शुरुआत 2014 से हुई और पीएम मोदी इसके सूत्रधार हैं।
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