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सचिन पायलट ने कैसे बदले अशोक गहलोत के लिए सुर? वैभव गहलोत के प्रचार से पहले किया खुलासा

Sachin Pilot Ashok Gehlot: सचिन पायलट अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के लिए चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं। वैभव जालोर-सिरोही लोकसभा सीट से मैदान में हैं। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच सियासी अदावत रह चुकी है।

Sachin Pilot Ashok Gehlot
Sachin Pilot Ashok Gehlot: राजस्थान में कांग्रेस के दो धाकड़ नेताओं अशोक गहलोत और सचिन पायलट की अदावत से हर सियासी जानकार परिचित है। सचिन पायलट बगावत कर कुछ विधायकों के साथ 2020 में मानेसर के एक रिजॉर्ट में चले गए थे। उन्होंने अशोक गहलोत की सरकार को अल्पमत में बता दिया था। हालांकि अशोक गहलोत ने न केवल सरकार बचा ली, बल्कि सचिन पायलट के खिलाफ खुलकर बयानबाजी भी की। जाहिर है इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा। हालांकि बाद में चीजें धीरे-धीरे ठीक होने लगीं। सचिन पायलट के सुर भी बदलते दिखाई दिए। अब वे अशोक गहलोत के बेटे और जालोर-सिरोही लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार वैभव गहलोत के लिए प्रचार करने जा रहे हैं। सचिन पायलट ने खुद अब इस बात का खुलासा किया है कि अशोक गहलोत के साथ उनके रिश्ते खराब होने के बाद चीजें कैसे ठीक हुईं।

मुझे बचपन से ही बड़ों का सम्मान करने के संस्कार दिए गए

पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में सचिन पायलट ने कहा- मैंने शालीनता से जवाब देने का रास्ता चुना। मैंने किसी भी उकसावे में आने से इनकार कर दिया। मुझे उसी लहजे में जवाब देने में कोई फायदा नहीं था। दरअसल, अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को 'नकारा' और 'गद्दार' तक कह दिया था। इस पर सचिन पायलट ने कहा- मैंने बड़ा दिल दिखाने का फैसला लिया। जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो ये बात गर्व के साथ कह सकता हूं कि मैंने कभी भी अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने कभी भी किसी शख्सियत के लिए ऐसी अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल नहीं किया। बचपन से ही मुझे बड़ों का सम्मान करने के संस्कार दिए गए हैं।

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ हुई मीटिंग को किया याद

इसी के साथ सचिन पायलट ने दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व एआईसीसी प्रमुख राहुल गांधी के साथ हुई मीटिंग को भी याद किया। उन्होंने कहा- इस मीटिंग में मुझसे लोगों को माफ करने और पिछली बातें भूलने को कहा गया। इसी के साथ इन चीजों से आगे बढ़ने के लिए भी कहा गया। मैंने ठीक वैसा ही किया। उस समय पार्टी और प्रदेश के लिए समय की मांग यही थी। ये भी पढ़ें: किरोड़ीलाल मीणा, सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़…पीएम मोदी ने राजस्थान के मंच से क्या दिए सियासी संदेश?


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