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राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, किसानों का क्लेम ऐसे खारिज नहीं कर सकेंगी बीमा कंपनियां

राजस्थान में किसानों को लेकर राजस्थान सरकार का एक बड़ा कदम सामने आया है। इसके तहत अब कोई भी बीमा कंपनी फसल खराब होने पर किसानों के मुआवजे वाले फार्म को खारिज नहीं कर सकती।

Insurance Claim For rajasthan farmers
के जे श्रीवत्सन किसानों को लेकर राजस्थान सरकार का एक बड़ा कदम सामने आया है। इसके तहत अब कोई भी बीमा कंपनी फसल खराब होने पर किसानों के मुआवजे वाले फार्म को खारिज नहीं कर सकती। सरकार ने इस बार ऐसे सभी इंश्योरेंस वाले किसानों के इंश्योरेंस फॉर्म और डिटेल को अपने एक पोर्टल पर अपलोड भी किया है, जिसके बाद अब बहाने बनाकर इंश्योरेंस कंपनियां किसानों की बीमा क्लेम को खारिज नहीं कर सकेंगी। अगर बीमा कंपनी ऐसा कुछ करती है तो किसान सरकार के साथ-साथ सरकारी समितियों सहित कई जगह पर जाकर इसकी शिकायत कर सकेंगे। इसके बाद यह आसानी से पता लग जाएगा कि क्या गलत नियमों के तहत उनका फॉर्म बीमा कंपनियां जानबूझकर खारिज तो नहीं कर रही हैं।

प्रश्नकाल में उठा था बीमा से जुड़ा सवाल

दरअसल, लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र के किसानों का बीमा क्लेम से जुड़ा सवाल प्रश्नकाल के दौरान आया था, जिस पर सहकारी मंत्री गौतम जवाब दे रहे थे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि किसानों को बीमा क्लेम नहीं मिल पाया। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार ऐसा नियम बनाएगी कि आने वाले समय में कोई भी किसान एक भी दिन बिना बीमित नहीं रहे। जब बीमा क्लेम किया जाता है तो क्या उसे राहत मिल पाएगी। उन्होंने यह भी मांग की कि सरकार ऐसा स्ट्रक्चर बनाएं कि अगर किसी का बीमा बेवजह रिजेक्ट होता है तो सरकार लाभ दे। मंत्री ने भरोसा दिया कि हम चाहेंगे कि किसी को बीमा क्लेम का 1 दिन में इंतजार न करना पड़े। इसके लिए सरकार ने इस साल समीक्षा की है कि क्या किया जा सकता है ताकि किसान का क्लेम खारिज न हो। हमने पोर्टल पर ही सारी जानकारी मंगवाकर डाल दी है। अगर किसी को लगता है कि उनका बीमा खारिज हो गया है तो वह बीमा विनायक बोर्ड, उपभोक्ता मंच और बीमा लोकपाल में भी जा सकता है। वहां जाकर क्लेम पास करने के लिए बात कर सकता है।

किसान रह गए थे योजना से वंचित

सहकारिता मंत्री गौतम ने माना कि साल 2023-24 में बीमा कंपनी का चयन नहीं हो पाया था। इसके चलते राजस्थान के सारे किसान इस योजना से वंचित रह गए। उन्हें किसी प्रकार का लाभ नहीं दिया गया। सरकार के स्तर पर बीमा कंपनी का निर्धारण नहीं किया गया था। हालांकि, व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा में किसी प्रकार के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं होती है और इसलिए क्लेम निरस्त नहीं किया गया। राज्य सरकार प्राथमिक ऋणदाता समितियों के सदस्यों के लिए योजना के तहत सभी किसानों की सामाजिक सुरक्षा व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा लागू कर चुकी है। सरकार के कुशल प्रबंधन के चलते किसान द्वारा बीमा वहन करने की राशि में कमी आई है। किसानों के लिए 360 करोड़ रुपये का प्रीमियम राजस्थान को वहन करना पड़ा। किसी भी मामले में अगर कोई दोषी अधिकारी निकलता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ये भी पढ़ें- राजस्थान के बजट सत्र के आखिरी दिन ये 3 विधेयक होंगे पारित, खत्म होंगे पुराने बिल


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