TrendingNavratri 2024Iran Israel attackHaryana Assembly Election 2024Jammu Kashmir Assembly Election 2024Aaj Ka Mausam

---विज्ञापन---

Explainer: क्यों कांग्रेस के लिए 30 साल में दूसरा तगड़ा झटका है राजस्थान की हार? सरकार गई तो गई वोट मार्जिन भी घटा

Rajasthan Assembly Election 2023 Result Analysis: इस बार हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 39.53 प्रतिशत और भाजपा का 41.69 प्रतिशत रहा।

Rajasthan Assembly Election 2023 Result Analysis: हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन करने वाली राजस्थान की जनता ने अपना रिवाज कायम रखा और इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एक और मौका देने की जगह भाजपा को आशीर्वाद दिया। राज्य में ऐसा 1993 से होता आ रहा है जब भैरों सिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने थे और भाजपा के खाते में सबसे ज्यादा संख्या में सीटें आई थीं। इस बार भाजपा को जीत दिलाने वाला वोट मार्जिन 1993 के बाद सबसे ज्यादा था। विधानसभा चुनाव में भाजपा को 1.65 करोड़ तो कांग्रेस को 1.56 करोड़ वोट मिले। कांग्रेस को 90 लाख मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। पिछले 30 साल के दौरान ऐसा 2013 में हुआ था जब भाजपा ने 37 लाख वोट के अंतर से जीत हासिल की थी। ये भी पढ़ें: जिसने नहीं लड़ा चुनाव वह नेता बन सकता है राजस्थान का मुख्यमंत्री, कुछ ऐसी है भाजपा की प्लानिंग 2003 में आठ लाख वोट के अंतर से जीती थी भाजपा राजस्थान में भाजपा ने साल 1993, 2003, 2013 और 2023 में सरकार बनाई है। वहीं, कांग्रेस की सरकार को यहां की जनता ने साल 1998, 2008 और 2018 में चुना था। उल्लेखनीय है कि साल 2003 के चुनाव में भाजपा को आठ लाख मतों के अंतर से जीत मिली थी जबकि साल 1993 के चुनाव में यह अंतर महज एक लाख मतों का था। साल 1998 से 2018 के बीच जब कांग्रेस की सरकार बनी तो मुख्यमंत्री की कुर्सी अशोक गहलोत और जब भाजपा सत्ता में आईतो वसुंधरा राजे के बीच ही घूमती रही थी। इस बार कांग्रेस का वोट शेयर 39.53 प्रतिशत तो भाजपा का वोट शेयर 41.69 प्रतिशत रहा। 1993 के बाद से भाजपा की जीत में वोट शेयर का यह तीसरा सबसे बड़ा अंतर है। ये भी पढ़ें: राजस्थान में भाजपा के 3 गुप्त रणनीतिकार, जिन्होंने पार्टी की सत्ता में कराई वापसी 2013 में दिखा था वोट और सीट का सबसे बड़ा अंतर वोट और सीट के मामले में सबसे बड़ा अंतर साल 2013 में देखने को मिला था जब भाजपा ने 45.5 प्रतिशत वोट और 163 सीटें हासिल की थीं। उस साल कांग्रेस केवल 21 सीटें जीत पाई थी और उसका वोट शेयर महज 33.31 प्रतिशत रहा था। खास बात यह है कि इन दोनों ही पार्टियों ने सीटें कितनी ही कम जीती हों इनका वोट शेयर कभी भी 33 प्रतिशत से नीचे नहीं गया है। हालांकि, भाजपा को सबसे कम सीटें 1998 के विधानसभा चुनाव में मिली थीं जब इसने 33 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस के लिए ऐसा 2013 में हुआ था जब उसे केवल 21 सीटों से संतोष करना पड़ा था। वहीं, भाजपा ने सबसे ज्यादा सीटें 2013 के विधानसभा चुनाव में जीती थीं। तब भगवा दल ने 163 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 153 सीटें 1998 के विधानसभा चुनाव अपने नाम की थीं। वसुंधरा राजे और गहलोत के बीच ही घूमती रही कुर्सी राज्य में मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल की बात करें तो 1998 के बाद से भले ही यह पद वसुंधरा राजे या अशोक गहलोत के पास रहा हो, सबसे लंबे समय तक यह पद संभालने वाले नेता कांग्रेस के मोहन लाल सुखाड़िया रहे। उन्होंने 16.5 साल तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी। गहलोत लगभग 15 साल और शेखावत 10.5 साल मुख्यमंत्री रहे हैं। वसुंधरा राजे इस लिस्ट में चौथे स्थान पर हैं जिन्होंने 10 साल तक मुख्यमंत्री का पद संभाला।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.