Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए शांतिपूर्वक मतदान संपन्न हो गया है। राज्य की 199 विधानसभा सीटों पर रिकॉर्ड तोड़ 74.96 प्रतिशत वोटिंग हुई। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला है। भाजपा ने राज्य में सीएम फेस की घोषणा नहीं की। ऐसे में सियासी गलियारों में बड़ा सवाल उठता है कि अगर राजस्थान में बीजेपी आई तो कौन सीएम की कुर्सी पर बैठेगा? क्या भाजपा एक बार फिर वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाएगी या फिर राज्य की कमान किसी नए चेहरे को सौंपी जाएगी?
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भाजपा हाई कमान ने इस बार राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सीएम फेस घोषित नहीं किया. अगर वसुंधरा राजे सीएम नहीं बनीं तो किसके सिर पर सत्ता का ताज सजेगा? इसे लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं। सीएम की रेस में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, जयपुर राजघराने की रानी और सांसद दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला के नामों पर चर्चा चल रही है। हालांकि, राजस्थान की सियासी गलियारों में इन नामों पर तेजी से चर्चाएं चल रही हैं.
News24 अब WhatsApp पर भी, लेटेस्ट खबरों के लिए जुड़िए हमारे साथकेंद्रीय मंत्री या सांसद बिना विधानसभा चुनाव लड़े ऐसे बन सकते हैं राज्य में मंत्री
अगर किसी केंद्रीय मंत्री या सांसद को राज्य में मंत्री बनना है तो उसके लिए उनका विधानसभा परिषद का सदस्य होना जरूरी है या विधानसभा का सदस्य. ऐसे में अगर राजस्थान में भाजपा किसी केंद्रीय मंत्री या सांसद को बिना विधानसभा चुनाव लड़ाए सीएम बनना चाहेगी तो इसके लिए विधानसभा की किसी एक सीट से उस मंत्री या सांसद को चुनाव लड़ना पड़ेगा, क्योंकि राजस्थान में अभी विधानसभा परिषद नहीं है. हालांकि, अशोक गहलोत कैबिनेट ने विधान परिषद के गठन को मंजूरी दे दी है और यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास अभी पेंडिंग है.
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राजस्थान में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं। हालांकि, राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की परंपरा रही है। हर पांच साल में राज्य में सरकार बदल जाती है। इस बार भाजपा ने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अपने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को मैदान में उतारा है, जबकि अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने मिलकर चुनाव लड़ने का दावा किया है. जनता ने उम्मीदवारों की किस्मत को ईवीएम में कैद कर दिया है. अब 3 दिसंबर को चुनाव रिजल्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी?