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रोते-रोते चुनाव आयोग के पास पहुंची भाजपा, कांग्रेस की 7 गारंटियों पर बैन के बाद अशोक गहलोत का बयान

Rajasthan Assembly Election 2023: चुनाव आयोग द्वारा कांग्रेस की सात गारंटियों पर रोक लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान आया है। उन्होंने इसे लेकर भाजपा को निशाने पर लिया है।

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा जारी की गई सात गारंटियों के विज्ञापन पर रोक लगाए जाने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि भाजपा को हार का डर सता रही है। इसलिए वह रोते-रोते कांग्रेस पार्टी के 7 गारंटियों के खिलाफ चुनाव आयोग के पास पहुंच गई है।

अशोक गहलोत ने भाजपा पर साधा निशाना

भाजपा के शिकायत के बाद राजस्थान में चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा जारी की गई सात गारंटियों के विज्ञापन पर रोक लगा दी है, जिसके लिए पार्टी कार्यकर्ता जनता से संपर्क कर रहे हैं और उन्हें वॉयस कॉल और विज्ञापन के माध्यम से अपनी सात गारंटियों के बारे में बता रहे हैं ताकि लोगों को पंजीकरण कराया जा सके। अब, आयोग के इस फैसले पर अशोक गहलोत ने नाराजगी जताई है और भाजपा पर निशाना साधा है। अशोक गहलोत ने एक्स (पूर्व में ट्वीटर) पर लिखा, ''कांग्रेस पार्टी के 7 गारंटी के खिलाफ भाजपा रोते-रोते चुनाव आयोग के पास गई है। ऐसा करके वह इस चुनाव में अपनी हार को मान रही है। बीजेपी नहीं चाहती की राजस्थान में महिलाओं को हर साल ₹10,000 मिले या पशुपालकों से गोबर खरीद की जाए या विद्यार्थियों को लैपटॉप मिले। जनता के हक में कोई बात हो भाजपा उसका हमेशा विरोध करती है। इस पर मैं कल सुबह 9:30 बजे विस्तार से प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।''

चुनाव आयोग ने विज्ञापन पर लगाई रोक

भारत के चुनाव आयोग ने 24 मार्च 2014 को सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को निर्देश दिया कि कोई भी विज्ञापन, जिसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित करने का प्रस्ताव है, को पूर्व प्रमाणीकरण से गुजरना आवश्यक है। लेकिन अब उन निर्देशों का पालन किए बगैर इन संदेशों के जरिए मतदाताओं को लुभाया जा रहा है। चुनाव आयोग ने नोटिस में कहा है, “आदर्श आचार संहिता के तहत इसकी अनुमति नहीं है और इस प्रकार प्रमाणीकरण प्राप्त किए बिना ऑडियो संदेशों को राजनीतिक विज्ञापनों के रूप में प्रसारित करना भारत के चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है। आपको आदेश दिया जाता है कि आप उपरोक्त दोनों ऑडियो संदेशों का प्रसारण तत्काल प्रभाव से रोकें और कारण बताएं कि आपने प्रमाणीकरण के बिना उपरोक्त विज्ञापन संदेश प्रसारित करके आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन क्यों किया।'' ये भी पढ़ेंः राज बचाने में जुटे सीएम गहलोत, तो रिवाज कायम रखने के लिए वसुंधरा ने लगाई ताकत, पढ़ें 6 हाॅट सीटों का विश्लेषण

क्या है मामला?

दरअसल, पिछले कुछ दिनों से राज्य में लोगों के पास लगातार मोबाइल नंबरों से रिकॉर्डेड कॉल आ रही हैं। इनमें से एक कॉल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आवाज है और कांग्रेस की 7 गारंटी के बारे में जानकारी दी जा रही है और लोगों से इनका लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराने को कहा जा रहा है। यह रजिस्ट्रेशन कॉल के दौरान ही किया जाता है।

भाजपा ने चुनाव आयोग से की शिकायत

कांग्रेस के 7 गारंटी के विज्ञापन को लेकर हाल ही में बीजेपी की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने कांग्रेस के इस तरह के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बता दें कि राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है।


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