राजस्थान की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने रविवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए संगठित आपराधिक गिरोह के सक्रिय सदस्य और 20 हजार रुपये के इनामी बदमाश वीरेंद्र कुमार उर्फ बबली जाट को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था। पकड़े गए बबली जाट पर हत्या, जानलेवा हमला, धमकी और वसूली जैसे संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं।
कई दिनों रेकी के बाद आरोपी का चला पता
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस मुख्यालय से एएसपी सिद्धांत शर्मा की अगुवाई में गठित विशेष टीम लगातार कई दिनों से बबली जाट की गतिविधियों पर नज़र रख रही थी। आखिरकार पुख्ता सूचना पर रविवार को बहरोड़ थाना इलाके में आरोपी को घेर लिया गया। टीम को खबर मिली कि बबली जाट अपने निजी वाहन से मुण्डावर मोड़ से बहरोड़ की ओर जा रहा है। पीछा होने का आभास होते ही वह अचानक कुंड रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में घुस गया। वहां हंगामे की स्थिति बन गई, क्योंकि आरोपी ने मोबाइल से अपने 3-4 साथियों को बुलाने की कोशिश की।
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दो कांस्टेबलों ने मिलकर दबोचा
इसी दौरान कांस्टेबल सुधीर कुमार ने अकेले ही बहादुरी दिखाते हुए उससे भिड़ गया। थोड़ी देर में कांस्टेबल मनोज कुमार भी पहुंच गए और दोनों ने मिलकर बबली को काबू में कर लिया। कुछ ही देर बाद थाना बहरोड़ पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और आरोपी को हिरासत में ले लिया। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बबली जाट पर बहरोड़ और हरियाणा के नांगल चौधरी थाने में कुल 8 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। इनमें हत्या, अपहरण, मारपीट, धमकी और वसूली जैसे अपराध शामिल हैं। वह एक संगठित गिरोह का सक्रिय सदस्य है और लंबे समय से पुलिस को चकमा दे रहा था।
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सरपंच परिवार पर फायरिंग का आरोपी
आरोपी का नाम 11 अप्रैल 2024 की एक सनसनीखेज वारदात में भी सामने आया था। उस दिन सोडावास निवासी सरपंच सीमा देवी के पति सरजीत चौधरी ने मुण्डावर थाने में रिपोर्ट दी थी कि कार और बाइक से आए 8-9 बदमाशों ने उनके घर पर अंधाधुंध फायरिंग की। बदमाशों ने बाहर खड़ी गाड़ी पर भी 3-4 गोलियां चलाई थीं। सरजीत चौधरी का आरोप था कि यह उस पर तीसरा हमला था और इसमें बबली जाट सहित कई अन्य बदमाश शामिल थे।