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Rajasthan News: जोधपुर में पानी की टंकी पर चढ़ा परिवार, जमीन मामले में पुलिस जांच से नहीं था संतुष्ट

जोधपुर से लोकेश व्यास की रिपोर्टः जोधपुर शहर के रावण का चबूतरा मैदान में बनी पानी की टंकी पर चढ़ा परिवार 6 घंटे की समझाइश के बाद टंकी से नीचे उतर आया। लगभग 3 घंटे तक एडीसीपी प्रेम धनदे ने अशोक, उसकी मां और बहन के साथ टंकी पर बैठकर वार्ता की और उच्च अधिकारियों […]

जोधपुर से लोकेश व्यास की रिपोर्टः जोधपुर शहर के रावण का चबूतरा मैदान में बनी पानी की टंकी पर चढ़ा परिवार 6 घंटे की समझाइश के बाद टंकी से नीचे उतर आया। लगभग 3 घंटे तक एडीसीपी प्रेम धनदे ने अशोक, उसकी मां और बहन के साथ टंकी पर बैठकर वार्ता की और उच्च अधिकारियों से भी उनकी वार्ता करवाई। उच्च अधिकारियों की ओर से ठोस आश्वासन मिलने के बाद पूरा परिवार नीचे उतर आया। अशोक मेघवाल और उसके पूरे परिवार के सकुशल टंकी से नीचे उतरने पर पुलिस प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है।

पुलिस की जांच से अंसतुष्ट था परिवार

मामला जोधपुर के रावण का चबूतरा इलाके का है। यहां सोमवार शाम 4 बजे पाली के सिराना गांव का रहने वाला युवक अशोक मेघवाल अपनी मां और बहन के साथ पानी की टंकी पर चढ़ गया। युवक ने कहा कि उसकी बहन और मां के साथ 2 साल पहले जमीन विवाद को लेकर मारपीट की गई थी। पुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही। आरोपियों के नाम निकाल दिए गए हैं और वह और उसके गवाहों को ही आरोपी बना दिया। [videopress cZXon5Oa]

गांव में भूखंड को लेकर है विवाद

अशोक ने बताया कि इसलिए वह आहत होकर आज परिवार सहित टंकी पर चढ़ गया क्याेंकि निष्पक्ष जांच नहीं की जा रही थी। अब अधिकारियों ने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिन अधिकारियों ने जांच में लापरवाही बरती उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। दरअसल सिराणा गांव के अशोक का कब्जा शुदा भूखंड है प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मां के नाम मकान भी बना हुआ है। गांव के यशपाल सिंह भूखंड पर अपना हक जता रहा है इसको लेकर दोनों में विवाद भी हैं। इस संबंध में वर्ष 2021 में अशोक की तरफ से दो एफ आई आर दर्ज कराई गई थी जबकि एक एफआईआर एक-दूसरे के खिलाफ दर्ज है।

पंचायत बुलाकर गांव से कर दिया बहिष्कृत

अशोक का आरोप है कि विवाद के चलते 6 मार्च 2021 को गांव में पंचायत बुलाकर उसे व परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिया गया था। जेसीबी से पानी के हौद को तोड़ दिया गया था जान से मारने की धमकियां भी दी गई। गत वर्ष बबूल के पेड़ गिरा दिए थे, गर्भवती बहन से मारपीट की गई थी। पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई थी लेकिन मिलीभगत कर आरोपियों के नाम निकाल कर गांव के खिलाफ मामले दर्ज कर दबाव डाला गया।


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