जयपुर में एक ऐसी प्रशासनिक चूक सामने आई जिसने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया. जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के एक प्रवर्तन अधिकारी द्वारा भगवान शिव के नाम नोटिस जारी करने की घटना न केवल सोशल मीडिया पर वायरल हुई बल्कि सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई. इस मामले को लेकर सरकार की हुई किरकिरी के बाद सीएम भजनलाल शर्मा का तुरन्त एक्शन भी नजर आ गया.
भगवान के नाम नोटिस जारी करने वाले सरकारी अधिकारी का सीधे निलंबन के आदेश आ गया जिसमें कहा गया है कि यह राजकाज में ‘घोर लापरवाही’ है. दरससल घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए तत्काल प्रवर्तन अधिकारी अरुण कुमार पूनिया को निलंबित करने के निर्देश दिए. सरकारी आदेश में इस कदम को“राजकाज में घोर लापरवाही, कर्तव्य विमुखता और पूर्ण स्वेच्छाचारिता” बताया गया. राज्य सरकार ने साफ कहा कि इस तरह का नोटिस संवेदनहीनता का उदाहरण है और ये सरकारी कार्यप्रणाली में गंभीर गिरावट का संकेत देता है.
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: अलवर में पुलिसवाले की दूसरी शादी में बाथरूम ड्रामा, पहली पत्नी के छापे ने फेल किया खेल
---विज्ञापन---
'धार्मिक संवेदनाओं से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं'
इस पूरे प्रकरण पर मुख्यमंत्री के त्वरित एक्शन ने प्रशासन को स्पष्ट संदेश दिया है कि धार्मिक स्थलों,देवी-देवताओं के प्रति किसी भी प्रकार का असम्मान या प्रशासनिक लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सरकारी हलकों में चर्चा है कि यह कार्रवाई एक सख्त उदाहरण के रूप में पेश की जाएगी, ताकि कोई भी अधिकारी अपने अधिकारों का मनमाना उपयोग न करे.
JDA अंदर भी बढ़ी हलचल
JDA मुख्यालय में इस घटना को लेकर दिनभर चर्चाएं चलती रहीं. सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी चूक सिस्टम में कैसे हुई? क्या फील्ड स्तर पर निगरानी कमजोर है, या यह महज लापरवाही का मामला नहीं बल्कि प्रक्रिया की असफलता भी है? घटना वायरल होने के बाद स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर भी गहरा रोष देखने को मिला. लोगों ने कहा कि प्रशासन को धार्मिक संरचनाओं के मामलों में ज्यादा संवेदनशीलता और सतर्कता बरतनी चाहिए.