20 साल पुराने मामले में बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा को दोषी पाया गया है और उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है। कोर्ट ने कंवरलाल मीणा को 3 साल की सजा सुनाई है। सजा सुनाए जाने के बाद वह राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। अब विधानसभा से उनकी सदस्यता भी रद्द कर दी गई है।
कौन हैं कंवरलाल मीणा?
कंवरलाल मीणा भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं और बारां जिले की अंता सीट से विधायक थे। इससे पहले वे 2013 से 2018 तक मनोहर थाना निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार प्रमोद जैन को 5,861 मतों के अंतर से हराया था।
क्या है विवाद?
कंवरलाल मीणा पर साल 2005 में सरकारी अधिकारियों को धमकाने, सार्वजनिक ड्यूटी में बाधा डालने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था। SDM के साथ विवाद के दौरान उन पर बंदूक तानने का भी आरोप था। इस मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया। दिसंबर 2020 में अकलेरा की एक सत्र अदालत ने उन्हें तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी, जिसे मई 2025 में राजस्थान उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था।
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इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 7 मई 2025 को इस सजा के खिलाफ दायर उनकी याचिका खारिज कर दी और दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। 21 मई 2025 को मनोहरथाना (झालावाड़) की एसीजेएम कोर्ट में कंवरलाल मीणा ने आत्मसमर्पण किया।