जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रविवार को जोधपुर में 512 नई इंदिरा रसोई (इंदिरा किचन) का उद्घाटन करेंगे। राज्य में पहले से 378 इंदिरा रसोई चल रही है। अब इसकी कुल संख्या 870 हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि गहलोत ने 20 अगस्त 2020 को प्रदेश में ‘कोई भूखा ना सोय‘ की संकल्पना को मूर्त रूप देकर 213 नगरीय निकायों में 358 स्थायी रसोइयों के माध्यम से इंदिरा रसोई योजना का शुभारंभ किया था।
बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, नगरीय विकास मंत्री शान्ति धारीवाल और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत जोधपुर दौरे पर रहंगे। वे इस दौरान जोधपुर में चल रहे विकास कार्यो की जानकारी लेंगे और जोधपुर में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग के लिए जिले में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समन्वय एवं मॉनिटरिंग समिति (रथो) द्वारा रसोई संचालन के लिए 300 से अधिक स्थानीय सेवाभावी संस्थाओं अथवा एनजीओ का चयन किया जाता है।
इंदिरा रसोई के माध्यम से जरूतमन्दों को 8 रु. में एक समय का भोजन दिया जाता है। जरूरतमन्दों को स्थायी रसोईयों में सम्मानपूर्वक बैठाकर स्थानीय स्वादानुसार दो समय (दोपहर एवं रात्रिकालीन) का शुद्ध एवं पौष्टिक भोजन दिया जाता है। योजना के तहत रसोई संचालकों को प्रति थाली 12 रू. राजकीय अनुदान जिसे बढ़ाकर 1 जनवरी 2022 से 17 रु. प्रति थाली कर दिया गया है। रसोई संचालकों को रसोई के लिए रोजमर्रा कार्य यथा बिजली, पानी, इन्टरनेट के बिल, रसोई साज-सज्जा एवं मरम्मत आदि के व्यय हेतु 50,000/- रूपये प्रति रसोई अग्रिम दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
इंदिरा रसोई की आईटी आधारित प्रक्रिया की मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नेशनल ई-गर्वनेंस विभाग के द्वारा सराहना की गई थी। इन्दिरा रसोई मॉडल के अध्ययन के लिए गुजरात, मध्यप्रदेश के अधिकारियों का भ्रमण व प्रशंसा एवं केन्द्र सरकार के समक्ष इन्दिरा रसोई मॉडल का प्रस्तुतीकरण व सराहना की जा चुकी है।