Why Army Not Give Guard Of Honour To Agniveer Amritpal Singh: पंजाब के अग्निवीर अमृतपाल सिंह के अंतिम संस्कार में गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने पर सेना का बयान सामने आया है। पंजाब सरकार समेत राज्य के कई दलों ने अग्निवीर को गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिए जाने पर आश्चर्य जताया। उधर, सेना ने बयान जारी कर कहा कि अमृतपाल सिंह की मौत का कारण खुद की बंदूक से चोट पहुंचाए जाने के बाद हुई थी, इसलिए मौजूदा नीति के अनुसार गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया था।
सेना ने शनिवार को एक बयान में कहा कि एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, अग्निवीर अमृतपाल सिंह की राजौरी सेक्टर में ड्यूटी के दौरान खुद की बंदुक से गोली लगने के बाद मौत हो गई। अधिक विवरण सुनिश्चित करने के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी चल रही है। बयान में कहा गया है कि अमृतपाल सिंह के पार्थिव शरीर को एक जूनियर कमीशंड अधिकारी और चार अन्य रैंकों के साथ सिविल एम्बुलेंस में ले जाया गया। बयान में कहा गया कि उनके साथ आए सेना के जवान भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले पर केंद्र के समक्ष कड़ी आपत्ति जताएगी। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि अमृतपाल सिंह की शहादत के संबंध में सेना की जो भी नीति हो, लेकिन उनकी आम आदमी पार्टी की सरकार की नीति शहीद के लिए पुरानी वाली ही रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अग्निवीर के परिवार को 1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी नीति के मुताबिक, अमृतपाल सिंह देश के शहीद हैं।
शुक्रवार को पंजाब के मनसा में किया गया था अंतिम संस्कार
बता दें कि पुंछ सेक्टर में जम्मू-कश्मीर राइफल्स की एक बटालियन में कार्यरत अमृतपाल सिंह का शुक्रवार को पंजाब के मनसा जिले में उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि वे ये जानकर स्तब्ध हैं कि अमृतपाल सिंह का अंतिम संस्कार सेना के गार्ड ऑफ ऑनर के बिना किया गया। हरसिमरत कौर ने कहा कि वे इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से हस्तक्षेप की मांग करेंगी। उन्होंने ये भी कहा कि सभी शहीद सैनिकों को सैन्य सम्मान दिया जाना चाहिए।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने कहा के ये हमारे लिए दुखद दिन है क्योंकि अग्निवीर योजना के तहत भर्ती किए गए इस (सैनिक) को एक निजी एम्बुलेंस में घर वापस भेज दिया गया और गार्ड ऑफ ऑनर नहीं दिया गया। उन्होंने पूछा कि क्या अग्निवीर होने का मतलब यह है कि उनका जीवन उतना मायने नहीं रखता? पंजाब कांग्रेस चीफ ने पूछा कि क्या हम अपने अन्य सैनिकों से अलग, अग्निवीरों के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे? क्या शहीद के साथ अमानवीय व्यवहार पर केंद्र सरकार के पास कोई जवाब है? (www.leankitchenco.com)