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Judge के गनमैन समेत Punjab Police के 4 अफसर लाइन हाजिर; अवैध हिरासत में युवती के कपड़े उतारकर दी थी Third Degree

गुरदासपुर: पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। मामला एक जज के घर में चोरी हो जाने का है। आरोप है कि चोरी के राज से पर्दा उठाने के लिए पुलिस वालों ने थाने में एक युवती को बुरी तरह जलील किया था। उसके कपड़े उतारकर उसकी छाती पर करंट […]

गुरदासपुर: पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। मामला एक जज के घर में चोरी हो जाने का है। आरोप है कि चोरी के राज से पर्दा उठाने के लिए पुलिस वालों ने थाने में एक युवती को बुरी तरह जलील किया था। उसके कपड़े उतारकर उसकी छाती पर करंट लगाया गया। अब थर्ड डिग्री टॉर्चर के इस मामले में पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों ने एक इंस्पैक्टर और तीन सहायक उप निरिक्षकों (ASI) को लाइन हाजिर कर दिया है। इनमें एक घटना के कथित पीड़ित जज का गनमैन भी शामिल है। इसी के साथ मामले की आगे की जांच-पड़ताल का क्रम जारी है।
  • पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक जज के घर से चोरी हुए थे 22 तोले सोने के गहने और 20 हजार रुपए

  • थाना सिटी पुलिस ने सफाई वाली को उठाकर दो दिन रखा अवैध हिरासत में, तीसरे दिन किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी ने कराया था अस्पताल में भर्ती

मामला जुलाई के पहले हफ्ते का है। बताया जा रहा है कि गुरदासपुर में एक जज के घर से 22 तोले सोने के गहने और 20 हजार रुपए नकदी चुराने का मामला सामने आया था। इसके बाद थाना सिटी की पुलिस ने जज के घर साफ-सफाई का काम करती जिले के गांव आले चक्क की 23 वर्षीय ममता मसीह नामक एक युवती को कथित तौर पर अवैध हिरासत में रखकर उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया। 10 जुलाई को गुरदासपुर सिविल अस्पताल में भर्ती ममता ने बताया था कि जज के घर चोरी हो जाने की घटना के बाद शक के आधार पुलिस ने 8 जुलाई को सुबह उसे उसके घर से उठाया था। घर की चप्पे-चप्पे की तलाशी भी ली गई, लेकिन कुछ भी बरामद नहीं हुआ। बावजूद इसके पुलिस के पुरुष कर्मचारियों ने सारे कपड़े उतारे और उसकी छाती पर करंट तक लगाया गया। बाद में अगली रात करीब 11 बजे गांव के सरपंच कुलवंत सिंह को फोन करके उनके साथ उसे घर भेज दिया गया। इसके बाद तीसरे दिन यह मामला किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के ध्यान में आया तो कमेटी के पदाधिकारी उसे इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर आए। इस मामले में किसान कमेटी के सीनियर उप प्रधान जितेंद्र सिंह ने कहा था कि पुलिस ने न सिर्फ लड़की को दो दिन तक अवैध हिरासत में रखा, बल्कि उस पर अत्याचार किया गया। मारपीट के दौरान कोई भी महिला पुलिस कर्मचारी मौजूद नहीं थी। ऐसे पुलिस अफसरों से किसी भी तरह की इंसाफ की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। अगर पुलिस को कोई शक था तो युवती के खिलाफ मामला दर्ज करके उसे रिमांड पर लेकर मामले की छानबीन की जाती। किसान नेता जितेंद्र सिंह ने कानून का हवाला देते हुए आपत्ति जताई थी कि शाम 5 बजे के बाद किसी भी औरत को थाने में नहीं रखा जा सकता। इस मामले में किसान कमेटी की तरफ से आंदोलन की चेतावनी के बाद आनन-फानन में पुलिस विभाग ने अब अपनी खाल बचाने के लिए कार्रवाई कर डाली।

इन अफसरों पर गिरी है कार्रवाई की गाज

मिली जानकारी के अनुसार गुरदासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी (SSP) दयामा हरीश कुमार ओम प्रकाश ने थाना सिटी के प्रभारी गुरमीत सिंह, एएसआई मंगल सिंह, एएसआई अश्वनी कुमार और एएसआई सरवन सिंह (जज का गनमैन) को लाइन हाजिर करते हुए सिटी थाने में महिला प्रभारी को नियुक्त किया है। इसके अलावा पूरे मामले की जांच DSP सुखपाल सिंह को सौंपी गई है।


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