पंजाब जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनाव के नतीजों ने प्रदेश BJP समेत सेंट्रल लीडरशिप को पंजाब में पार्टी के हालातों के बारे में सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. चुनाव में BJP को ग्रामीण आंचल में ज्यादा रिस्पॉन्स नहीं मिला. इसी वजह से सेंट्रल लीडरशिप ने पंजाब पर फोकस करने के लिए पार्टी के पॉलिसी मेकर्स से सलाह करने की तैयारी के संकेत दे दिए है, वहीं कहा जा रहा है कि सेंट्रल लीडरशिप अब पंजाब के मुद्दों और समस्याओं पर पंजाब के नेताओं से राय लेगी. इस बारे में जल्द ही दिल्ली में एक मीटिंग हो सकती है. पार्टी पंजाब में सीनियर नेताओं को ऑब्जर्वर भी नियुक्त कर सकती है.
सूत्रों के अनुसार, गृह मंत्री अमित शाह और कृषि मंत्री शिवराज चौहान का फरवरी 2026 में पंजाब आने का कार्यक्रम बन रहा है, जिसे कुछ ही दिन में अंतिम रूप दिया जाएगा. इस दौरे के दौरान एक संभावित रैली मालवा में की जाएगी और इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने की योजना बनाई जा रही है. इस रैली में गृह मंत्री और कृषि मंत्री पंजाब के लिए कुछ घोषणाएं कर सकते हैं. खासकर रूरल बेल्ट को साधकर ग्रामीणों को खुश किया जा सकता है, क्योंकि BJP मान कर चल रही है कि ग्रामीणों में पार्टी के खिलाफ जितना गुस्सा था, उसको खत्म कर दिया गया है. अब उनको अपना बनाने की कवायद शुरू करनी है.
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बेशक हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी पंजाब में जगह-जगह जाकर लोगों की नब्ज टटोल रहे हैं. रिपोर्ट BJP हाईकमान तक पहुंचा रहे हैं, वही दूसरे नेता जहां पंजाब के नेताओं से राज्य के मुद्दों पर रिपोर्ट लेंगे, वहीं भविष्य में किसी दूसरी पार्टी के साथ गठबंधन करने पर भी वर्करों से सलाह लेंगे. बेशक कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे कद्दावर नेता BJP हाइकमान के सामने अपना दृष्टिकोण पहले ही रख चुके है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के टकसाली वर्करों ने सेंट्रल लीडरशिप को चिट्ठी लिखकर सलाह दी है कि अगर BJP को पंजाब में सत्ता हासिल करनी है तो पंजाब के ज्वलंत मुद्दों, अधिकारों और समस्याओं पर सोचना होगा.
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ग्रामीण इलाकों के वोट जीतने के लिए अकेले चुनाव मैदान में उतरने की बजाय गठबंधन करना भी जरूरी है. पंजाब में BJP के शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन पर दिल्ली समेत पंजाब के कई नेताओं की अलग-अलग राय है, लेकिन अंतिम फैसला हाईकमान को लेना है. बताया जा रहा है कि BJP की सेंट्रल लीडरशिप ने साफ कर दिया है कि पंजाब में किसी भी पार्टी के साथ समझौते के बारे में कोई भी फैसला पंजाब यूनिट से सलाह-मशविरा करने के बाद ही लिया जाएगा. इसलिए BJP साल 2026 में पंजाब संगठन को एक्टिव करने का प्लान बनाने में जुटी है. पंजाब में पार्टी के सोशल मीडिया विंग को मजबूत किया जाएगा.
गौरतलब है अगर राज्य में किसी पार्टी का सबसे मजबूत सोशल मीडिया विंग है तो वह सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी का है, लेकिन अब BJP भी राज्य में पार्टी के सोशल मीडिया विंग को मजबूत करने और पार्टी की नीतियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए अपनी अलग से रणनीति बनाने में जुटी हुई है.