TrendingAyodhya Ram MandirDharmendra & Hema MaliniBigg Boss 19Gold Price

---विज्ञापन---

बिहार के गंगा प्रसाद पर चढ़ा खालसायी रंग; ऐसी है पगड़ीधारी गंगा सिंह बनने तक की कहानी

मुक्तसर: पूरी दुनिया में भारत ही इकलौता ऐसा देश है, जहां सभी धर्मों को बराबर तरीके से फलने-फूलने का मौका मिलता है। बात अगर एक धार्मिक मान्यता को छोड़कर दूसरी को अपनाने की हो तो भी हर किसी को अपने ढंग से जीने का अधिकार हमारे देश का संविधान देता है। वैसे देखा जाए तो […]

मुक्तसर: पूरी दुनिया में भारत ही इकलौता ऐसा देश है, जहां सभी धर्मों को बराबर तरीके से फलने-फूलने का मौका मिलता है। बात अगर एक धार्मिक मान्यता को छोड़कर दूसरी को अपनाने की हो तो भी हर किसी को अपने ढंग से जीने का अधिकार हमारे देश का संविधान देता है। वैसे देखा जाए तो संविधान और कानून अपनी जगह है, इन सबसे पहले तो सामने वाले की अपनी भावनाएं मायने रखती हैं। आज न्यूज 24 ऐसे ही एक शख्स की कहानी से आपको रू-ब-रू कराने जा रहा है, जो गुरु-पीरों की धरती पर दो जून की रोटी कमाने आया था और यहां आकर उसने न सिर्फ अपना पहनावा, बल्कि नाम तक पूरी पहचान ही बदल डाली। आइए, जानें प्रेरणा की यह कहानी... दरअसल, मूल रूप से बिहार की राजधानी पटना का निवासी गंगा प्रसाद पेशे से मजदूर है। 2015 में वह भी दूसरे प्रवासी मजदूरों की तरह ही रोजी-रोटी कमाने पंजाब आया था। यहां मुक्तसर जिले के गिदड़बाहा इलाके में पड़ते गांव थेड़ी साहिब में अपने भाई के पास रह रहे गंगा प्रसाद की मुलाकात सेवा कर रहे सिख बाबा से हुई तो वह (गंगा प्रसाद) सिख पंथ से बहुत प्रभावित हुए।

गंगा प्रसाद ने 2016 में चखा अमृत

गंगा प्रसाद ने बताया कि 2016 में उन्‍होंने दाढ़ी और केस रखने शुरू किए थे। फिर एक दिन अमृत चखकर गंगा प्रसाद खुशी-खुशी गंगा सिंह खालसा बन गया।

पांचों तख्तों की यात्रा कर चुका गंगा सिंह

न्यूज 24 के साथ बात करते हुए गंगा सिंह खालसा ने बताया कि वह उस जमीन से हैं, जहां खालसा पंथ के संस्थापक श्री गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था। अमृत चखने के बाद उसकी जिंदगी में काफी बदलाव हुए हैं। उसे लोगों से पहले से ज्यादा इज्जत और सत्कार मिलता है। साथ ही बताया कि अमृत संचार के बाद पांच तख्तों की यात्रा भी की है। गंगा सिंह खालसा का कहना है कि जब से गुरु का बाना पहना है,कहीं भी कुछ गलत होता है तो देखा नहीं जाता।


Topics: