Greater Noida News: भारतीय औषधि उद्योग के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ. इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में एशिया की सबसे बड़ी फार्मा प्रदर्शनी सीपीएचआई एवं पिमेक इंडिया एक्सपो के 18वें संस्करण का भव्य शुभारंभ हुआ. इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया द्वारा आयोजित यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी दुनिया भर के 120 से अधिक देशों के 2,000 से ज्यादा प्रदर्शकों और 50,000 से अधिक आगंतुकों की भागीदारी के साथ वैश्विक मंच का रूप ले चुकी है.
निजी कंपनियों का सहयोग जरूरी
उद्घाटन समारोह में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के संयुक्त औषधि नियंत्रक डॉ. आर चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय फार्मा सेक्टर तेजी से जेनेरिक निर्माण से आगे बढ़कर नवीन दवाओं, बायोलॉजिक्स और अत्याधुनिक तकनीकों की ओर कदम बढ़ा रहा है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा शुरू की गई पीआरआईपी (प्रमोशन ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन इन फार्मा-मेडटेक सेक्टर) योजना आरएंडडी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक सिद्ध हो रही है. इस योजना के तहत निजी कंपनियों, स्टार्टअप्स और एमएसएमई को शोध एवं नवाचार के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान किया जा रहा है.
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भारत का औषधीय निर्यात दोगुना होकर 30 अरब डॉलर
इन्फॉर्मा मार्केट्स इन इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने बताया कि भारतीय दवा उद्योग ने पिछले कुछ वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है. देश का औषधीय निर्यात दोगुना बढ़कर 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है और लगभग आधे वैश्विक लाइफ साइंसेज लीडर्स ने भारत में अपने परिचालन स्थापित कर लिए हैं.
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भारत की इनोवेशन क्षमता
मुद्रास ने कहा कि भारत अब पारंपरिक जेनेरिक्स के साथ-साथ जटिल फॉर्मूलेशन, बायोलॉजिक्स और उन्नत चिकित्सीय तकनीकों में भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है. इस वर्ष प्रदर्शनी में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की रिकॉर्ड भागीदारी भारत की इनोवेशन क्षमता और वैश्विक विश्वसनीयता को दर्शाती है. इस अवसर पर फार्मास्युटिकल्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नामित जोशी, आईडीएमए के महानिदेशक अनिल माताई सहित उद्योग जगत की कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रही.
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