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नई बोतल में पुरानी शराब? जानें- 1 सितंबर से दिल्ली की शराब नीति में क्या होगा अलग?

नई दिल्ली: राजधानी में शराब बिक्री को लेकर जो नई आबकारी नीति थी वो 31 जुलाई को खत्म हो रही थी। हालांकि, इसे एक अगस्त से दोबारा एक महीने तक के लिए लागू कर दिया गया। अब 1 सितंबर से दोबारा से पुरानी आबकारी व्यवस्था लागू हो जाएगी। अपने नए शराब कानून को लेकर खड़े […]

नई दिल्ली: राजधानी में शराब बिक्री को लेकर जो नई आबकारी नीति थी वो 31 जुलाई को खत्म हो रही थी। हालांकि, इसे एक अगस्त से दोबारा एक महीने तक के लिए लागू कर दिया गया। अब 1 सितंबर से दोबारा से पुरानी आबकारी व्यवस्था लागू हो जाएगी। अपने नए शराब कानून को लेकर खड़े हुए विवाद के मद्देनजर, राष्ट्रीय राजधानी में आप सरकार ने पुरानी आबकारी नीति को वापस लाने का फैसला किया। शहर में फिलहाल जिस आबकारी नीति के तहत निजी शराब की दुकानें चल रही हैं, वह लागू होने के नौ महीने बाद 31 अगस्त को खत्म हो रही है। 1 सितंबर से केवल दिल्ली सरकार के निगमों को खुदरा शराब की दुकानें चलाने की अनुमति होगी। नई नीति ने राष्ट्रीय राजधानी में शराब बेचने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया था और सरकार ने खुदरा कारोबार से हाथ खींच लिया था और निजी खिलाड़ियों को भी मौका दे दिया था। उन्होंने शराब की बिक्री पर छूट के साथ ही वन-प्लस-वन का भी ऑफर दिया। अब जहां ये नीति बंद हो जाएगी तो आप सरकार कुछ नया लाने की तैयारी में है। आप सरकार पुरानी आबकारी नीति में बदलाव करने की योजना बना रही है ताकि पुराने नियमों के अलावा नए नियम भी हों जो न केवल ग्राहकों को लाभान्वित करेंगे बल्कि अवैध शराब व्यापार पर भी रोक लगाएंगे। दिल्ली सरकार के चार निगमों डीटीटीडीसी, डीएसआईआईडीसी, डीसीसीडब्ल्यूएस और डीएसएससी को एक सितंबर से कुल 500 शराब ठेके खोलने का जिम्मा सौंपा गया है। इसके साथ ही निगमों द्वारा चलाए जाने वाले कुल शराब ठेकों की संख्या साल के अंत तक 700 हो जाएगी। साफ किया गया कि इसमें कोई प्राइवेट आदमी नहीं होगा और सभी सरकारी ठेके पर ही जाएंगे। सरकार ने कहा कि गुणवत्ता में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। बता दें कि अगर ये सब बदलाव नहीं किए गए तो दिल्ली में 400 दुकानें भी नहीं बचेंगी, जो शराब दे पाएं।


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