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MBA CHAIWALA से NEWS24 की खास बातचीत, जानिए क्या है बिहाइंड द सक्सेस के पीछे का राज

इंदौर: आज कहानी एक ऐसे लड़के की जो इंदौर में ‘MBA CHAIWALA’ के नाम से मशहूर है। 25 साल के इस लड़के ने सिर्फ मिनी मुंबई कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के ‘इंदौर’ के लोगों का ही दिल नहीं जीता बल्कि पूरे देश में अपनी चाय की स्वाद का छाप छोड़ा है। ये भी कह सकते […]

इंदौर: आज कहानी एक ऐसे लड़के की जो इंदौर में 'MBA CHAIWALA' के नाम से मशहूर है। 25 साल के इस लड़के ने सिर्फ मिनी मुंबई कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के 'इंदौर' के लोगों का ही दिल नहीं जीता बल्कि पूरे देश में अपनी चाय की स्वाद का छाप छोड़ा है। ये भी कह सकते की Mr. बिल्लौरे की चाय ने पूरे देश में अपना डंका बजा दिया। आइए, जानते हैं Mr. बिल्लौरे उर्फ 'MBA CHAI WALA'  की बिहाइंड द सक्सेस के बारे में।

"Behind The Success" के पीछे है किसका हाथ

बिहाइंड द सक्सेस के पीछे एक एसी कहानी है जो आपको अचंभित कर देगी। दरअसल, MBA चायवाला के सक्सेस के पीछे उनके छोटे भाई का हाथ है जो 10वीं पास है। दोनों भाईयों ने मिलकर MBA चायवाला को एक ब्रांड बना दिया है। MBA चायवाला जिनका नाम प्रफुल्ल बिल्लोरे है, इनकी सफलता के पीछे उनके भाई विवेक बिल्लौरे का हाथ है। छोटे भाई विवेक बिलौरे ने भी अपने भाई के सपने को पूरा करने में पूरी जान लगा दी।

10वीं पास से करोड़ों का कारोबार का सफर 

विवेक बिल्लौरे ने छह साल संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की है। वे अपने भाई का साथ देने से पहले शास्त्र, वास्तु शास्त्र, यज्ञ, हवन कराते थे। आज अपने भाई के साथ मिलकर MBA चायवाला नाम की बड़ी कंपनी चला रहे हैं। न्यूज़24 से EXCLUSIVE बातचीत में विवेक ने बताया कि आज एमबीए चायवाला के सफल होने का कारण यह है कि हमने चाय नहीं बेची, हमने हमेशा मोटीवेशन बेचा है। न्यूज़24 से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरी कोशिश हर घर से एक उद्योगपति पैदा करने की है और इसका जिक्र मैं हर जगह करता हूं। जब मैंने 2017 में MBA चायवाला की शुरुआत की तो मेरा एकमात्र उद्देश्य देश में स्थानीय चाय ठेले वालों का उनके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करना था।

गांव-गांव जाकर अगरबत्ती बेची 

धार के छोटे से गांव लबरावदा के किसान परिवार के विवेक बिल्लौरे ने बताया कि उन्होंने 12 साल की उम्र में घर का खर्च उठाना शुरू कर दिया था। ऋद्धिदेव पूजन सामग्री की दुकान से गांव-गांव जाकर अगरबत्ती बेची। यहां तक कि 200 से ज्यादा शादियां करवाई, हवन-यज्ञ भी करवाया। प्रफुल्ल और विवेक दोनों का लक्ष्य अनाथ आश्रम में जाकर नि:शुल्क शिक्षा देना भी है। उन्होंने बताया कि वे अनाथ बच्चों को ट्रेनिंग देना चाहते हैं और बच्चों को रोजगार भी देना चाहते हैं।

अब विदेशों में भी MBA चायवाला

चाय के ठेले से शुरू हुआ सफर 5 साल बाद एक ब्रांड बन गया। ‘MBA चायवाला’ आज कानपुर, चंडीगढ़, सूरत, गांधीनगर, भोपाल जैसे देश के 22 बड़े शहरों में पहुंच चुका है। इसके अलावा लंदन में भी 'MBA चायवाला' के नाम से उसके आउटलेट्स हैं। बाकी के देशों में भी फ्रेंचाइजी पर बात चल रही है। विवेक को कई बड़े संस्थान बतौर मैनेजमेंट गुरू लेक्चर देने के लिए बुलाते हैं। विवेक कहते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी में जितना भी कुछ सीखा है, वह उसे बांटना चाहते हैं।


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