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उद्धव ठाकरे के जन्मदिन पर 12 साल बाद मातोश्री पहुंचे राज, गले लगकर दी बधाई, साथ फोटो भी खिंचवाई

Raj Thackeray visits Matoshree: मनसे प्रमुख राज ठाकरे करीब 12 साल बाद मातोश्री पहुंचे। मौका था उद्धव ठाकरे के जन्मदिन का। उद्धव ठाकरे का आज 65वां जन्मदिन हैं इस मौके पर वे उन्हें बधाई देने के लिए वहां पर पहुंचे। इस दौरान दोनों घर में गए जहां पर बाल ठाकरे की पोट्रेट के सामने उनकी फोटो खिंचवाई गई।

उद्धव ठाकरे को गुलदस्ता भेंट करते राज ठाकरे (Pic Credit-News24)
Uddhav Thackeray birthday: महाराष्ट्र की राजनीति में कब-क्या हो जाए, कुछ कहां नहीं जा सकता। अब ताजा घटनाक्रम मातोश्री से सामने आया है। आज शिवसेना यूबीटी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का 65वां जन्मदिन हैं। ऐसे में आज उनके घर पर नेताओं और कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ हैं। इस बीच उनके घर मातोश्री में मनसे प्रमुख और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे भी पहुंचे। इस दौरान उनके साथ बाला नांदगांवकर, नितिन सरदेसाई भी आए। उन्होंने भी उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की बधाई दी। इस दौरान सबसे दिलचस्प बात यह है कि मनसे पार्टी बनाने के बाद पहली बार उद्धव ठाकरे मातोश्री पहुंचे हैं। इस दौरान शिवसेना यूबीटी के राज्यसभा सांसद उद्धव ठाकरे भी साथ में रहे। [videopress DUgfTCod] बता दें कि इससे पहले भी दोनों भाई मराठी भाषा विवाद के बाद एक मंच पर आए थे। इस दौरान दोनों ने बीजेपी सरकार और पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा था। बता दें कि त्रिभाषी फॉर्मूले के तहत फडणवीस सरकार ने कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों के लिए तृतीय भाषा के तौर पर हिंदी पढ़ाना अनिवार्य कर दिया था। इसके बाद मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने इसको लेकर मोर्चा खोल दिया। विरोध होता देख सरकार ने हिंदी की अनिवार्यता खत्म कर दी। वहीं जांच के लिए एक कमेटी बनाई जोकि कुछ महीनों में अपनी रिपोर्ट सौपेंगी। मराठी भाषा को लेकर दोनों भाई करीब 20 साल बाद एक मंच पर दिखे। हालांकि सरकार ने वर्ली डोम में होने वाली रैली से पहले ही फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद दोनों भाइयों ने वर्ली डोम में 20 हजार कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में ऐतिहासिक संबोधन दिया। ये भी पढ़ेंः पुणे में हाई-प्रोफाइल रेव पार्टी पर छापा, एकनाथ खडसे के दामाद समेत 5 गिरफ्तार

क्या गठबंधन का बीज बोया जा रहा है?

ऐसे में अब जब पिछले एक महीने में दोनों भाई दो बार मिल चुके हैं तो ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बीएमसी और निकाय चुनाव में दोनों भाइयों के बीच गठबंधन हो सकता है। हालांकि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता इससे पूरी तरह खुश है लेकिन गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला तो राज और उद्धव को ही करना है। ऐसे में फिलहाल वेट एंड वॉच वाली स्थिति है।


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