महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और सीनियर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने एक चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि 'भारतीय वायुसेना को ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन करारी हार का सामना करना पड़ा था.' उन्होंने आगे कहा, '7वें दिन हुए आधे घंटे के हवाई युद्ध में भारत पूरी तरह से हार गया था. भले ही लोग इसे मानें या न मानें. इस दौरान भारतीय विमानों को मार गिराया गया था. वायुसेना पूरी तरह से जमीन पर खड़ी थी एक भी विमान उड़ान नहीं भर सका.'
कांग्रेस नेता ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के पूर्व CM और सीनियर कांग्रेस लीडर पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन हम पूरी तरह हार गए थे. 7 तारीख को आधे घंटे की हवाई लड़ाई में हम पूरी तरह हार गए थे, चाहे लोग मानें या न मानें. इंडियन एयरक्राफ्ट मार गिराए गए. एयर फ़ोर्स पूरी तरह से ग्राउंडेड हो गई थी, और एक भी एयरक्राफ्ट नहीं उड़ा. अगर कोई एयरक्राफ्ट ग्वालियर, बठिंडा, या सिरसा से उड़ा भी होता, तो पाकिस्तान द्वारा मार गिराए जाने का बहुत ज़्यादा चांस था, इसीलिए एयर फ़ोर्स पूरी तरह से ग्राउंडेड हो गई थी.’
---विज्ञापन---
12 लाख सैनिकों की आर्मी रखने की जरूरत है?- कांग्रेस नेता
महाराष्ट्र के पूर्व CM और सीनियर कांग्रेस लीडर पृथ्वीराज चव्हाण ने आगे कहा, 'हाल ही में, हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा, मिलिट्री का एक किलोमीटर का भी मूवमेंट नहीं था… दो-तीन दिन में जो कुछ भी हुआ, वह सिर्फ हवाई लड़ाई और मिसाइल वॉरफेयर था. आगे भी, लड़ाइयां इसी तरह लड़ी जाएंगी. ऐसे में, क्या हमें सच में 12 लाख सैनिकों की आर्मी रखने की ज़रूरत है, या हम उनसे कोई और काम करवा सकते हैं?'
---विज्ञापन---
भाजपा ने की कड़ी निंदा
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण की बातों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए, BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस पर बार-बार भारतीय सशस्त्र बलों का अपमान करने और राष्ट्रीय सुरक्षा अभियानों को कमजोर करने का आरोप लगाया.
X पर एक पोस्ट में, पूनावाला ने लिखा कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के बयान “चौंकाने वाले” थे और उन्होंने एयर फोर्स और सशस्त्र बलों को निशाना बनाया.
बता दें कि भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसका मकसद पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में अंदर तक फैले आतंकी ठिकानों को निशाना बनाना था. यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लेने के लिए किया गया था, जिसमें 26 आम लोग मारे गए थे.