TrendingT20 World Cup 2026Bangladesh ViolencePollution

---विज्ञापन---

Maharashtra: नागपुर में केंद्रीय मंत्री गडकरी बोले- ‘मेरा काम पसंद आए तो वोट देना, वरना ज्यादा मक्खन नहीं लगाऊंगा’

Maharashtra: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नागपुर में सोमवार को मोहन धारिया राष्ट्र निर्माण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान गडकरी को पद्म विभूषण डॉक्टर रघुनाथ माशेलकर ने अपने हाथों दिया। कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी और कहा ‘मैं देश में जैव ईंधन और वाटरशेड संरक्षण सहित कई प्रयोग […]

Nitin Gadakari
Maharashtra: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को नागपुर में सोमवार को मोहन धारिया राष्ट्र निर्माण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान गडकरी को पद्म विभूषण डॉक्टर रघुनाथ माशेलकर ने अपने हाथों दिया। कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने बड़ी बेबाकी से अपनी राय रखी और कहा 'मैं देश में जैव ईंधन और वाटरशेड संरक्षण सहित कई प्रयोग कर रहा हूं। अगर लोग इन्हें पसंद करते हैं तो ठीक है। नहीं तो मुझे वोट मत दें। मैं पॉपुलर पॉलिटिक्स के लिए ज्यादा मक्खन लगाने वाला नहीं हूं। मैं नहीं तो कोई और जीतकर आएगा।' उन्होंने अपनी बात को बढ़ाते हुए आगे कहा,'राजनीति पैसे कमाने का धंधा नहीं है। राजनीति का अर्थ सामाजिक कार्य, राष्ट्रीय मुद्दों को हल करना और विकास से जुड़े काम करना भी है। सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन ही राजनीति का मुख्य लक्ष्य है।'  

सम्मान पाना मेरे लिए गर्व की बात

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने पुरस्कार के लिए वानराय फाउंडेशन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, 'पद्म विभूषण डॉ. मोहन धारिया की स्मृति में यह पुरस्कार पाना मेरे लिए गर्व की बात है।'. यह भी पढ़ें: राहुल गांधी को खाली करना पड़ेगा सरकारी बंगला, लोकसभा की हाउसिंग कमेटी ने भेजा नोटिस

बंजर भूमि के संरक्षण की वकालत की

गडकरी ने बंजर भूमि विकास रिपोर्ट के बारे में बात करते हुए कहा कि बंजर भूमि संरक्षण समय की मांग है। बंजर भूमि संरक्षण पर धारिया की रिपोर्ट को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाना चाहिए।

बांस और गन्ने की खेती के लिए किया प्रोत्साहित

गडकरी ने कहा कि सतत विकास आधुनिक दुनिया में सफलता की कुंजी है। पर्यावरण के बिना, विकास टिकेगा नहीं। उन्होंने आर्थिक विकास के लिए बांस की खेती की वकालत की। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र के किसानों को बांस की खेती करना चाहिए। इसमें कम लागत और मुनाफा अधिक है। इसी तरह गन्ने से इथेनॉल बनाया जा सकता है। इथेनॉल के उपयोग से ईंधन पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। और पढ़िए – प्रदेश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें


Topics:

---विज्ञापन---