महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के बीच शिंदे गुट के नेता और समाज कल्याण मंत्री संजय शिरसाट सुर्खियों में आ गए हैं। उन्हें आयकर विभाग का नोटिस मिला है। जिसकी जानकारी उन्होंने खुद मीडिया से बात करते हुए दी। शिरसाट ने बताया कि आयकर विभाग ने उनकी संपत्ति को लेकर सवाल उठाए हैं। 2019 और 2024 की विधानसभा चुनावों में दाखिल शपथ पत्रों में उनकी संपत्ति में वृद्धि को लेकर विभाग ने सफाई मांगी है।
शिरसाट ने क्या कहा?
यह नोटिस 10 जुलाई 2025 को उन्हें भेजा गया है। नोटिस को लेकर मंत्री ने कहा कि यह आयकर विभाग का काम है। यह नोटिस ऐसे समय में आया है जब विपक्ष ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के संभाजीनगर में हुई विट्स होटल की नीलामी में वित्तीय अनियमितताओं की आशंका जताई थी। संजय शिरसाट ने कहा कि ‘मुझे आयकर विभाग से नोटिस मिला है। 2019 में मेरी संपत्ति इतनी थी और 2024 में इतनी हो गई है। इस पर सवाल उठे हैं। मैंने जवाब देने के लिए 9 तारीख तक का समय मांगा है। मैं अपने 2024 के शपथ पत्र में दी गई संपत्ति की जानकारी के आधार पर जवाब दूंगा।’
बयान से पलटे मंत्री
आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर मंत्री ने पहले कहा था कि मेरे अलावा सांसद श्रीकांत शिंदे को भी नोटिस मिला है। लेकिन, बाद में वह अपने बयान से पलट गए और उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि श्रीकांत शिंदे को नोटिस मिला है या नहीं मिला है। हालांकि, मंत्री ने स्वीकार किया कि उन्हें नोटिस मिला है। संजय शिरसाट ने कहा, 'एक पत्रकार ने मुझसे पूछा था कि क्या श्रीकांत शिंदे को आयकर का नोटिस मिला है और क्या मुझ पर कोई राजनीतिक दबाव है। मुझ पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है और मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि श्रीकांत शिंदे को नोटिस मिला है या नहीं।'
पहले मंत्री ने क्या कहा था?
वहीं, पहले संजय शिरसाट ने कहा था, 'आयकर विभाग सबकी जांच करता है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे और मुझे नोटिस मिले हैं। आयकर विभाग को जवाब देना ही होगा। मुझे 9 जुलाई तक जवाब देने को कहा गया था। मैंने समय मांगा है और हम जवाब देंगे। हम किसी भी जांच का सामना करेंगे। यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है और कोई हम पर दबाव बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है। मैं यह नहीं कहूंगा कि शिवसेना को दबाया जा रहा है। अगर किसी को नोटिस मिलता है तो इसका मतलब है कि एजेंसी अपना काम कर रही है।'
क्या है पूरा मामला?
यह मामला छत्रपति संभाजीनगर के विट्स होटल लिलाव मामले से भी जुड़ा है। इस मामले में शिरसाट के बेटे सिद्धांत और पत्नी विजया की भागीदारी को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए थे। आरोप था कि होटल की बाजार कीमत 110 करोड़ रुपये थी, लेकिन इसे 67 करोड़ रुपये में खरीदा गया। बाद में शिरसाट ने इस टेंडर प्रक्रिया से पीछे हटने की घोषणा की थी। फिर भी विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा सत्र में उठाया और अब आयकर विभाग की नोटिस ने इस विवाद को और हवा दी है। हालांकि, संजय शिरसाट ने सभी आरोपों से इनकार किया है।