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17 OBC, 16 मराठा; सतारा से 4 मंत्री… फडणवीस कैबिनेट में कैसे क्षेत्रीय और जातीय समीकरण?

Maharashtra Cabinet Expansion Update: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का पहला विस्तार हो चुका है। एक मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम के अलावा 39 नए मंत्रियों ने शपथ ले ली है। पहली कैबिनेट में क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधने का पूरा प्रयास किया गया है।

Maharashtra Cabinet Expansion: महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में रविवार को 39 नए मंत्रियों को शामिल किया गया है। नागपुर में आयोजित समारोह में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंत्रियों को शपथ दिलाई। विधानसभा चुनाव के नतीजों के तीन सप्ताह बाद आखिरकार नए मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया। 39 मंत्रियों के शपथ ग्रहण करने के बाद 1 मुख्यमंत्री और 2 डिप्टी सीएम को मिलाकर अब मंत्रिमंडल की संख्या 42 हो चुकी है। कानूनी प्रावधान के अनुसार महाराष्ट्र में कुल 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस हिसाब से फडणवीस ने एक मंत्री का पद खाली रखा है। यह भी पढ़ें:12 मंत्रियों की छुट्टी, 25 नए चेहरों पर दांव; शिंदे कैबिनेट से देवेंद्र फडणवीस का मंत्रिमंडल कितना अलग? चर्चा चल रही है कि एक मंत्री की कुर्सी खाली क्यों रखी गई है? 42 मंत्रियों में 25 चेहरे नए हैं। शिंदे कैबिनेट में शामिल रहे 12 मंत्रियों को निराशा हाथ लगी है। क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों का पूरा ध्यान रखने की कोशिश की गई है। मराठा समाज की बात करें तो 16 मंत्री इसी वर्ग से बनाए गए हैं। 17 मंत्री ओबीसी समाज से हैं, वहीं, SC-ST समाज के 2-2 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। ब्राह्मण समाज से 2 और जनरल कैटेगरी से एक विधायक को मंत्री पद मिला है। यह भी पढ़ें:अदिति तटकरे कौन? तीसरी बार बनीं मंत्री, पिता सांसद… जानें कैसा रहा राजनीतिक सफर? पूरे मंत्रिमंडल में सिर्फ एक मुस्लिम विधायक को जगह मिली है। लाडली बहन योजना के सहारे सत्ता में आई फडणवीस सरकार में सिर्फ आधी आबादी से 4 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है। इस बार विधानसभा में 21 महिलाएं जीतकर पहुंची हैं। जिनमें बीजेपी की 13, एनसीपी (अजित गुट) की 4 और शिवसेना (शिंदे गुट) की 2 महिला विधायक शामिल हैं। विपक्ष के पास एक ही महिला विधायक हैं, जो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती हैं।

बीजेपी की 3 महिला विधायक बनीं मंत्री

बीजेपी की ओर से 3, एनसीपी की ओर से एक महिला विधायक को मंत्री बनाया गया है। वहीं, शिवसेना शिंदे गुट से किसी भी महिला विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है। क्षेत्र के हिसाब से बात करें तो पश्चिम महाराष्ट्र और मुंबई-कोंकण इलाके को सबसे ज्यादा 9 मंत्री पद मिले हैं। उत्तर महाराष्ट्र को 8, विदर्भ को 7 मंत्री पद मिले हैं। मराठवाड़ा के हिस्से में 6 मंत्री पद आए हैं। मंत्रिमंडल में सबसे ज्यादा मंत्री सतारा जिले को मिले हैं। इस जिले के 4 विधायकों को मंत्री बनाया गया है। महाराष्ट्र में 36 जिले हैं, जिनमें 19 जिलों को सत्ता में हिस्सेदारी मिली है। 17 जिले ऐसे हैं, जिनको मंत्री पद नसीब नहीं हुआ।


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