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महाराष्ट्र चुनाव से पहले EC का बड़ा फैसला, विरोध के बाद भी मुंबई में 221 पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर; जानें वजह

Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन ने बड़ा फैसला लिया है। मुंबई पुलिस के 221 पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को ट्रांसफर कर दिया गया है। ट्रांसफर की वजह क्या रही, इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं?

Maharashtra Assembly Election: चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र चुनाव से पहले मुंबई पुलिस के 221 अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर कर दिया है। मुंबई पुलिस पहले ही ट्रांसफर किए जाने के विरोध में थी। इसके पीछे हवाला दिया गया था कि इतनी संख्या में पुलिसवालों को इधर-उधर करने से कानून व्यवस्था की स्थिति गड़बड़ा सकती है। लेकिन चुनाव आयोग ने सख्त फैसला ले लिया। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह पहले आयोग ने तबादले के मानदंड पर खरा उतरने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों के नाम मांगे थे। अब अधिकतर ट्रांसफर मुंबई, नवी मुंबई और मीरा भयंदर वसई विरार (MBVV) से किए गए हैं। जिन अधिकारियों को बदला गया है, उनमें लगभग 42 को मुंबई पुलिस में दोबारा भेजा गया है। पुलिस की दलीलों के बाद भी चुनाव आयोग ने जरा सी भी नरमी नहीं दिखाई। अधिकतर उन अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाया गया है, जो 3 साल से अधिक समय से एक जगह तैनात थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नई तबादला सूची में लगभग 162 नाम इंस्पेक्टर रैंक के हैं। वहीं, एमबीवीवी से लगभग 38 इंस्पेक्टर और नवी मुंबई पुलिस से 21 अधिकारियों को उनकी कमिश्नरेट से बाहर ट्रांसफर किया गया है। माना जा रहा है कि गृह विभाग और डीजीपी कार्यालय फैसले को लेकर राजी नहीं है। महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (MAT) द्वारा दिए गए स्थगन आदेशों को लेकर अपील की जा सकती है। यह भी पढ़ें:आधी रात को धमाकों और झटकों ने फैलाई दहशत, 300 लोगों ने छोड़ा घर; केरल में चौंकाने वाला मामला इससे पहले मुंबई पुलिस के 112 अधिकारियों को तबादला किया गया था। 21 अधिकारियों को लेकर फैसला स्थगित कर दिया गया था। मुंबई पुलिस को चुनाव आयोग ने फटकार लगाई थी। इसके बाद तबादले किए गए थे। चुनाव आयोग ने मुंबई पुलिस को एक पत्र भी इस महीने की शुरुआत में लिखा था।

डीजीपी ने मांगी थी जानकारी

पत्र में निर्देश दिए गए थे कि किसी भी जिले में कोई भी अधिकारी तैनात हो, उसके सेवा रिकॉर्ड को काउंट किया जाए। अगर कोई अफसर या कर्मी एक ही जगह 3-4 साल से टिका है तो उसे चुनाव से पहले बदला जाए। ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारू रूप से चले। किसी प्रकार की छेड़छाड़ की गुंजाइश न रहे। चुनाव आयोग के लेटर के आधार पर डीजीपी ने 23 अक्टूबर को एमबीवीवी को पत्र लिख मानदंड पर खरे उतरने वाले अधिकारियों की जानकारी मांगी थी। यह भी पढ़ें:घर के बाहर ब्रश कर रहा था ताइक्वांडो खिलाड़ी, पड़ोसी ने तलवार से काट डाली गर्दन; जानें वजह


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