पिछले दिनों राजस्थान के एक गांव की काफी चर्चा हुई, जहां पर कोई परिवार अपनी बेटी की शादी इस गांव में नहीं करना चाहता है। ऐसा करने के पीछे वजह थी, पानी की किल्लत। यहां की महिलाएं कई किलोमीटर तक पैदल चलकर पानी लाती हैं। ऐसे ही कई गांव महाराष्ट्र में भी हैं, जहां पर महिलाओं को पानी लेने के लिए करीब 2 से 3 किलोमीटर पैदल चलकर जाना पड़ता है। इन महिलाओं को इस दौरान पानी लेकर चलने में बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसको लेकर महिलाओं ने ANI से बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके सामने कौन सी दिक्कतें आती हैं।
खत्म नहीं हो रहा जल संकट
यवतमाल जिले की अरनी तहसील के गांवों में जल संकट बना हुआ है। यहां पर रहने वाली महिलाओं पर पानी लाने की जिम्मेदारी है। इन महिलाओं को रोज की जरूरत का पानी लाने के लिए 2 से 3 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। पहाड़ियों पर पानी से भरे मटके लेकर चलने में उनको काफी परेशानी होती है। न्यूज एजेंसी ने जब इन ग्रामीण महिलाओं से बात की, तो उनमें से एक ग्रामीण महिला पूजा का कहना है कि 'हमें पानी लाने के लिए 2-3 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। इस दौरान अगर पानी थोड़ा भी गिर जाता है, तो उनको फिसलने का डर बना रहता है।
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परिवार के साथ जानवरों की भी जिम्मेदारी
महिलाओं का कहना है कि पानी लाने में इतनी दिक्कत होती है, लेकिन हमें परिवार के अलावा, पालतू जानवरों को भी पानी पिलाना होता है। इतनी गर्मी में बावड़ी पर जाकर पानी भरते हैं। इस बावड़ी पर पूरे गांव के लोग जाते हैं, जहां पर अंदर उतरकर पानी निकाला जाता है। कई बार फिसलने का खतरा भी रहता है। उन्होंने बताया कि हमारे एरिया में एक ही बावड़ी है, जिससे पानी भरा जाता है। महिला पूजा बावड़ी के मालिक की तारीफ करते हुए कहती हैं कि उनका शुक्र है कि वो हमें पानी लेने देते हैं। महिलाओं का कहना है कि भले ही हमें पानी मिल जाता है, लेकिन हम साल के 12 महीने ऐसे ही अपनी जरूरत को पूरा करते हैं, जिससे हमे बहुत परेशानी होती है।
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