Maharashtra Crime News: महाराष्ट्र के बीड जिले में सरपंच की हत्या के बाद लगातार सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है। विपक्ष इसे लगातार मुद्दा बनाकर सत्ताधारी गठबंधन के एक प्रमुख घटक दल पर निशाना साध रहा है। विधानसभा से लेकर सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले में जवाब दिया है। मामला बीड जिले की काइज तहसील के मसाजोग गांव का है। यहां के 45 वर्षीय सरपंच संतोष देशमुख की 9 दिसंबर को पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
काली स्कॉर्पियो में आए चार लोगों ने संतोष को दिनदहाड़े अगवा किया और करीब तीन घंटे तक पीटते रहे, जब तक जान नहीं चली गई। आरोपियों ने शव को उनके गांव के पास एक सड़क पर फेंक दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह अंदरूनी चोटें बताई गई हैं। मामले में अब तक चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोपी विष्णु चाते, जयराम चाते, महेश कराड और प्रतीक घुले को पुलिस ने अरेस्ट किया है।
कराड मुख्य आरोपी का रिश्तेदार
मुख्य आरोपी विष्णु चाते बीड जिले में अजित पवार की एनसीपी का तहसील प्रभारी रहा है। हत्याकांड में नाम सामने आने के बाद एनसीपी ने उसे पार्टी से निकाल दिया है। तीन अन्य आरोपी सुदर्शन घुले, कृष्णा अंधाले और सुधीर सांगले फरार बताए जा रहे हैं। संतोष देशमुख के परिजन इस वारदात में वाल्मीक कराड का हाथ होने के आरोप लगा रहे हैं। कराड मुख्य आरोपी विष्णु का रिश्तेदार है। वह परली नगर परिषद में ग्रुप लीडर, बीड में लाडली बहन योजना का प्रभारी और NCP की प्लानिंग कमेटी का सदस्य था। संतोष के भाई धनंजय ने आरोप लगाया कि हत्या एक्सटॉर्शन रैकेट के विरोध करने पर हुई है। संतोष को मारकर आरोपी चाहते थे कि कोई उनके खिलाफ आवाज न उठा सके। आरोपी विष्णु चाते और वाल्मीक कराड का कुछ दिन पहले एक्सटॉर्शन के मामले में नाम आया था।
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ये मामला मसाजोग गांव में अवाडा एनर्जी की तरफ से लगाए जा रहे पवन ऊर्जा प्लांट की साइट पर झगड़े से जुड़ा था। पुलिस का कहना है कि हत्या से तीन दिन पहले 6 दिसंबर को एनर्जी प्लांट की साइट पर देशमुख और चार गिरफ्तार आरोपियों के बीच विवाद हुआ था। पुलिस के मुताबिक 6 दिसंबर को आरोपी सुदर्शन और प्रतीक घुले समेत चार लोग प्रोजेक्ट साइट पर गए थे। प्रोजेक्ट मैनेजर व सिक्योरिटी गार्ड के साथ मारपीट की गई थी।
कंपनी का सिक्योरिटी गार्ड मसाजोग गांव का रहने वाला था। उसने सरपंच देशमुख को पूरी घटना की जानकारी दी थी। देशमुख कुछ गांववालों को लेकर साइट पर पहुंचे, जिसके बाद दोनों ग्रुप्स के बीच वहां झगड़ा भी हुआ। इसके बाद शाम को प्रोजेक्ट मैनेजर ने पुलिस में एक्सटॉर्शन की एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसमें चाते, कराड और अन्य लोगों पर कंपनी से 2 करोड़ रुपये की डिमांड करने का आरोप लगा था। एफआईआर के बाद गिरफ्तारियां हुईं, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई। इसके तीन दिन बाद सरपंच संतोष की सनसनीखेज हत्या हो गई। इस हत्याकांड ने महाराष्ट्र की सियासत को गर्मा दिया है।
वाल्मीक कराड पर एक्शन की मांग
विपक्षी दलों के विधायकों ने विधानसभा में शीत्र सत्र के दौरान इसे मुद्दा बना लिया। बीड में कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने के आरोप लग रहे हैं। सत्ताधारी गठबंधन के कुछ नेता भी वाल्मीक कराड पर उंगली उठा रहे हैं। बीजेपी के एक विधायक ने तो विधानसभा में विस्तार से बताया कि संतोष देशमुख को किस तरह टॉर्चर करके मारा गया था? विरोध को शांत करने के लिए सीएम मामले की ज्यूडिशियल जांच की घोषणा कर चुके हैं। बीड से डिस्ट्रिक्ट सुपरिंटेंडेंट का तबादला हो चुका है। सीएम ने मामले में आईजी स्तर की अगुआई वाली SIT से जांच करवाने का भरोसा दिया है। कराड को मकोका के तहत एक्सटॉर्शन के मामले में नामजद भी किया जा चुका है।
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अगर सबूत मिले तो उसे देशमुख की हत्या मामले में भी आरोपी बनाया जाएगा। सरपंच संतोष देशमुख की फैमिली मूल रूप से मसाजोग से करीब 80 किमी दूर बरषी तहसील से ताल्लुक रखती है। करीब 50 साल पहले उनका परिवार यहां शिफ्ट हो गया था। सरपंच संतोष देशमुख के परिवार में पीछे पत्नी, माता-पिता और 13 व 17 साल के दो बच्चे हैं। संतोष के लिए इंसाफ मांगने वालों में उनकी 12वीं में पढ़ने वाली बड़ी बेटी वैभवी भी शामिल हैं। वैभवी 28 दिसंबर को बीड में होने वाले सर्वदलीय विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगी।