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जेल की जमीन बेचने के मामले में Ajit Pawar ने दी सफाई, कहा- ‘गृह विभाग से मेरा कोई लेना देना नहीं’

Ajit Pawar On Allegation Of Selling Jail land: पुणे में येरवडा जेल के पास की जमीन को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इससे मेरा कोई लेना देना नहीं है।

Ajit Pawar
Ajit Pawar On Allegation Of Selling Jail land (Rahul pandey): पुणे में येरवडा जेल के पास की जमीन को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि इसमें मैंने कोई निर्णय लिया ही नहीं, नहीं जमीन से संबंधित बैठकों में मैं उपस्थित रहा। पुणे की पूर्व पुलिस कमिश्नर मीरा बोरवणकर ने अपनी किताब Madam Commissioner में सीधे तौर पर आरोप लगाया कि जेल की जमीन दादा में एक बिल्डर को दे दी।

आरोपों पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने दी सफाई

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित पवार ने कहा कि पुणे के भिड़े वाडा में पहली लड़कियों की स्कूल सावित्रीबाई फुले ने शुरू की थी इस जगह पर उनका स्मारक बने यह राज्य सरकार की सोच थी, इसपर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई केस बॉम्बे हाईकोर्ट में चल रहा था, जिसे कल कोर्ट ने सम्मति दी है। अब यहां सावित्रीबाई फुले का स्मारक बनाया जाएगा। उन्होंने आरोपों पर कहा कि पिछले 4 से 5 दिनों से मेरे नाम से खबरें चल रही थी, मैं पुणे का पालकमंत्री रहा हूं (guardian minister) एक जमीन को लेकर रिटायर्ड IPS अधिकारी की किताब में मुझपर आरोप लगाए गए, मैं ऐसे आरोपो को महत्व नहीं देता।

इस जमीन को लेकर विभागीय आयुक्त ने भी सफाई दी है

गृह विभाग येरवडा की इस जमीन पर पुलिस कर्मियों के लिए घर बनाने की तैयारी में था, जिसके लिए GR निकला था। 2008 में एक कमेटी अधिकारियों की गठित हुई थी, इसे लेकर मीटिंग भी हुई थी। यह भी पढ़ेंः पूर्व IPS मीरा की किताब Madam Commissioner में खुलासा- कसाब को नहीं दी गई बिरयानी, फिट रहने के लिए करता था कसरत

गृह विभाग से मेरा कोई लेना देना नहीं: अजित पवार

अजित पवार ने कहा, ''यह डिपार्टमेंट (गृह विभाग) से मेरा कोई लेना देना नहीं था मैं किसी को जमीन देने के लिए कैसे कह सकता हूं। उपमुख्यमंत्री ने ये भी कंफर्म किया कि यह जमीन अब भी महाराष्ट्र सरकार और गृह विभाग के पास है। इस तरह की जमीनों का अधिकार कैबिनेट और राजस्व विभाग को लेना होता है, उसमें हस्तक्षेप करने का सवाल ही नहीं।

आरोपों को बताया पब्लिसिटी स्टंट

किताबों में इस तरह की बाते आना एक तरह की पब्लिसिटी के लिए की गई बाते होती हैं। विपक्षी दलों ने जांच की मांग उठाई यह उनका काम ही है। मैंने कभी कोई निर्णय इस जमीन को लेकर किया नहीं किया है।


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