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Miracle In Mainpuri: नदी में तैर रहे ‘राम नाम’ के पत्थर को देख चरवाहे ने लगाई छलांग, प्रधान ने किया बड़ा ऐलान

Miracle In Mainpuri: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की ईशन नदी में एक भारी पत्थर तैरता हुआ मिला है। पूरे जिले में यह तैरता पत्थर चर्चा और आस्था का केंद्र बन गया है। लोग इसे भगवान राम द्वारा लंका जाने के लिए समुद्र पर बनाए गए पुल के पत्थरों में से एक होने का दावा […]

Miracle In Mainpuri: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की ईशन नदी में एक भारी पत्थर तैरता हुआ मिला है। पूरे जिले में यह तैरता पत्थर चर्चा और आस्था का केंद्र बन गया है। लोग इसे भगवान राम द्वारा लंका जाने के लिए समुद्र पर बनाए गए पुल के पत्थरों में से एक होने का दावा कर रहे हैं। साथ ही ग्रामीणों का दावा है कि पत्थर पर राम नाम भी लिखा हुआ है।

चरवाहे को नदी में तैरता दिखा था

घटना रविवार (31 जुलाई) की बताई जा रही है। मैनपुरी के कुसमरा क्षेत्र के गांव अहिमलपुर में एक व्यक्ति अपनी बकरियों को जंगल में चरा रहा था। बकरियां चरते-चरते ईसन नदी के किनारे पहुंच गईं। चरवाहा भी उनके पीछे-पीछे नदी किनारे पहुंच गया। तभी उसकी नजर नदी की ओर गई। नजारा देख कर वह चौंक गया। चरवाहे का दावा है कि एक पत्थर नदी में तैर रहा था। इसे देख उसने तत्काल नदी में छलांग लगा दी। पत्थर को बाहर निकाल लिया।

पांच किलो से ज्यादा वजन का है पत्थर

चरवाहे को नदी में मिले तैरते पत्थर की खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई। भारी संख्या में ग्रामीण पत्थर को देखने के लिए पहुंचने लगे। ग्रामीण इसे भगवान श्रीराम द्वारा समुंद्र पर लंका जाने के लिए बनाए गए पुल का पत्थर बता रहे हैं। पत्थर का वजन पांच किलो से ज्यादा बताया गया है। वहीं ग्रामीणों ने इस पत्थर की पूजा करना भी शुरू कर दिया है। मामले की जानकारी होने पर ग्राम प्रधान नितिन पांडेय भी मौके पर पहुंच गए।

ग्राम प्रधान ने अपनी सुपुर्दगी में लिया पत्थर

ग्राम प्रधान ने पत्थर को अपनी सुपुर्दगी में लिया है। कहा जाता है कि प्रधान ने एक बड़े बर्तन में पानी भरकर पत्थर को डाला तो वह डूबा नहीं। ग्राम प्रधान का कहना है रि इस अद्भुत और दैवीय पत्थर को कुसमरा रामलीला मैदान स्थित हनुमान मंदिर पर एक कुंड बनवाकर रखा जाएगा। साथ ही इस पत्थर की नियमित पूजा की जाएगी। आपको बता दें कि ईसन नदी एटा से निकलती है। इसका उद्गम सिकंदराराई नाले से है। यह नदी एटी, मैनपुरी, कन्नौज और कानपुर होते हुए गंगा में मिलती है।


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