क्राउड मैनेजमेंट सीखने यूपी आए महाराष्ट्र के अधिकारी, भगवान विट्ठल मंदिर में भी लागू होगा ‘काशी मॉडल’
वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में क्राउड मैनेजेंट (भीड़ प्रबंधन) को समझने के लिए महाराष्ट्र के अधिकारियों की टीम पहुंची है। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक उन्होंने महत्वपूर्व बिंदुओं पर जानकारी ली। महाराष्ट्र से आए अधिकारियों ने बताया कि वह काशी विश्वनाथ मंदिर में क्राउड मैनेजमेंट को वहां के भगवान विट्ठल मंदिर में लागू करेंगे। इस बैठक में सोलापुर (महाराष्ट्र) के जिलाधिकारी और एसपी भी शामिल हुए।
सावन में एक करोड़ लोग पहुंची थे काशी
आपको बता दें कि वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन के मौके पर एक करोड़ से ज्यादा लोगों के पहुंचने का आंकड़ा दर्ज हुआ था। वहीं सावन मास में होने वाली विशेष पूजा-अर्चना के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद यहां के क्राउड मैनेजमेंट की निगरानी की थी। उन्होंने यहां की व्यवस्थाओं का खुद भी पहुंचकर निरीक्षण किया था। अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए थे। सावन बीत जाने के बाद काशी विश्वनाथ परिसर में भीड़ प्रबंधन की चर्चाएं देश भर में होने लगीं।
भगवान विट्ठल मंदिर में लागू करने की है योजना
अब महाराष्ट्र के अधिकारी 'काशी मॉडल' को पंढरपुर स्थित भगवान विट्ठल मंदिर में भी लागू करना चाहते हैं। इसी के लिए सोलापुर के जिलाधिकारी और एसपी के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश से मुलाकात करने के लिए पहुंची। इसके बाद वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने क्राउड मैनेजमेंट के काशी मॉडल को महाराष्ट्र के अधिकारियों के सामने एक डिटेल प्रिजेंटेशन के माध्यम से पेश किया।
सावन मास के आयोजनों को नौ भागों में बांटा था
पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि काशी में क्राउड मैनेजमेंट के लिए सावन माह को 9 बड़े आयोजनों में बांटा। इसकी पूरी कार्ययोजना बनाई। उन्होंने बताया कि कार्ययोजना के तहत सावन के चार सोमवार, शिवरात्रि, अमावस्या, हरियाली तीज, नागपंचमी और रक्षा बंधन को लेकर विशेष तैयारी की। यह योजना सिर्फ काशी विश्वनाथ धाम के लिए ही नहीं बल्कि वाराणसी के सभी प्रमुख मंदिरों को लेकर बनाई गई थी। इससे भीड़ को अलग-अलग बांटा गया।
शहर से बाहर पार्किंग और बैरिकेडिंग से भीड़ को किया मैनेज
उन्होंने बताया कि क्राउड कंट्रोल मैनेजमेंट के दौरान सबसे ज्यादा फोकस रास्तों पर रहा। वाराणसी के आसपास के जिलों से आने वाले लोगों को नियंत्रित करने के लिए शहर से बाहर 16 जगह पार्किंग बनाई गईं। इसके साथ ही 18 बैरियर्स से भी भीड़ को कंट्रोल किया गया। इलाकों में पुलिस पिकेट, मिड-वे मेडिकल कैंप, एंबुलेंस, फायर टेंडर की तैनाती, नो व्हीकल जोन, पैदल मार्ग, असहायों के लिये ई-रिक्शा की व्यवस्था भी की गई थी। इसमें सबसे खास बात यह रही कि जिले के सभी विभागों के बीच सामंजस्य स्थापित किया गया।
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