मां बनना चाहती है महिला, लेकिन जेल में है पति; मामला पहुंचा कोर्ट, वकील ने दिया ये तर्क
Woman wants to become mother husband is in jail woman reaches High Court: मध्यप्रदेश की एक महिला ने अपने पति को जेल से रिहा करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। महिला ने याचिक दाखिल कर कहा है कि वो मां बनना चाहती है, लेकिन उसका पति आपराधिक मामले में जेल में बंद है। महिला के मुताबिक, मां बनना उसका मौलिक अधिकार है, लेकिन बिना उसके पति के ये संभव नहीं है, इसलिए उसके पति को रिहा किया जाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाई कोर्ट ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों को पांच डॉक्टरों की एक टीम बनाने का आदेश दिया है। डॉक्टरों की टीम जांच करेगी कि महिला मां बनने के लिए शारीरिक रूप से फिट है या फिर नहीं।
महिला के वकील ने राजस्थान कोर्ट के आदेश का दिया हवाला
महिला की ओर से सरकारी वकील सुबोध कठार ने जबलपुर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि उसके मुवक्किल का पति किसी मामले में जेल में बंद है। याचिका में राजस्थान कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि हर किसी को बच्चे को जन्म देने का मौलिक अधिकार है।
जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला डॉक्टरों की टीम के गठन का आदेश दिया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम की ओर से महिला की मेडिकल जांच की जाएगी कि क्या वह चिकित्सकीय रूप से मां बनने के लिए फिट है? इसके बाद ही महिला के पति की रिहाई पर कोई फैसला होगा।
जानकारी के मुताबिक, याचिकाकर्ता महिला 7 नवंबर को मेडिकल कॉलेज में जांच के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जाएगी। डॉक्टरों की टीम में तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक मनोचिकित्सक और एक एंडोक्राइनोलॉजिस्ट शामिल किए गए हैं। महिला की मेडिकल जांच की रिपोर्ट 15 दिन के अंदर कोर्ट को सौंपी जाएगी। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 22 नवंबर को तय की है।
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