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लापरवाही! जिंदगी मांगने आए थे बच्चे, बना दिया एड्स पीड़ित; डॉक्टरों ने बिना जांच के चढ़ा दिया खून

HIV Positive Blood Transfusion: डॉक्टरों की लापरवाही की हद हो गई है और इस लापरवाही की सजा 4 बच्चों को अपनी जिंदगी देकर चुकानी होगी, क्योंकि डॉक्टरों ने चारों बच्चों को HIV संक्रमित रक्त चढ़ा दिया. मामला सामने आने के बाद चारों बच्चों का HIV टेस्ट कराया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई, यानी चारों बच्चे एड्स पीड़ित हैं.

जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने मामले में लापरवाही बरती है.

HIV Positive Blood Transfusion: मध्य प्रदेश के सतना जिला अस्पताल के ब्लड बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जानलेवा लापरवाही ने 4 मासूमों को लाइलाज बीमारी एड्स से संक्रमित करके उनकी जान हमेशा के लिए सांसत में डाल दी है. यह चारों मासूम पहले ही खतरनाक लाइलाज थैलेसीमिया बीमारी से ग्रस्त थे. मामला 4 माह पहले का बताया जा रहा है, जो अब सामने आया है. चारों बच्चों की उम्र 8 से 10 साल के बीच है. चारों बच्चे अस्पताल में इस बीमारी से लड़ने के लिए रक्त के रूप में जीवनदान मांगने आए थे, पर ब्लड बैंक की लापरवाही ने उन्हें एड्स पीड़ित बना दिया.

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पॉजिटिव आया बच्चों का HIV टेस्ट

ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. देवेंद्र पटेल ने बताया कि थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को नियमित तौर पर ब्लड की आवश्यकता होती है. डोनर से स्वैच्छिक तौर पर ब्लड लेकर दिया जाता है, लेकिन बरती गई लापरवाही के बारे में अस्पताल प्रबंधन को पता चला तो चारों बच्चों का HIV टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जबकि रक्त चढ़ाने से पहले ब्लड परीक्षण में HIV की जांच सबसे अहम होती है, जो नहीं की गई. ब्लड बैंक की लापरवाही की गंभीरता इससे समझी जा सकती है कि एक यूनिट रक्त के साथ ऐसा नहीं हुआ. 4 बच्चे संक्रमित हुए हैं, यानी करीब 4 यूनिट ब्लड HIV से संक्रमित था.

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ट्रेस नहीं हुए HIV ग्रस्त ब्लड डोनर

4 यूनिट ब्लड HIV संक्रमित होने का मतलब रक्तदान करने वाले 4 लोग HIV से ग्रस्त थे. ब्लड बैंक से गर्भवती महिलाओं सहित अन्य को भी रक्त दिया गया है, जो दोबारा लौटकर नहीं आए. आशंका है कि उनमें से भी कुछ को HIV हो गया हो. अस्पताल प्रबंधन के सामने यह मामला 4 माह पहले आ चुका था, लेकिन फिर भी HIV ग्रस्त ब्लड डोनर ट्रेस नहीं हो पाया है. संबंधित बच्चे पॉजिटिव पाए गए तो तय प्रोटोकॉल के तहत ब्लड डोनर्स की चेन की जांच की जानी चाहिए थी. ICTC सेंटर ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया. कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार ने मामले की CMHO से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.


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