Natwarlal in Indore Police: मध्य प्रदेश के इंदौर से फर्जीवाड़े का हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक पुलिस इंस्पेक्टर की 23 साल पुरानी एक बड़ी चोरी पकड़ी गई है। इस 'नटवरलाल' पुलिस वाले ने नौकरी हासिल करने के लिए अपना फर्जी जाति प्रमाण पत्र जमा करवाया था। उसी के आधार पर 23 साल तक पुलिस के आरक्षक पद पर नौकरी करता रहा है। इस पुलिसवाले के खिलाफ 420 सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया।
'नटवरलाल' पुलिस का फर्जीवाड़ा
आरोपी आरक्षक पहचान सत्यनारायण वैष्णव के रूप में हुई हैं। सत्यनारायण वैष्णव ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र देकर 4 अगस्त 1983 को पुलिस की नौकरी हासिल की थी। वैष्णव ब्राह्मण समाज से आता था, लेकिन नौकरी पाने के लिए उसने कोरी समाज से जुड़ा जाति प्रमाण पत्र जमा करवाया था। इस फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर वह 23 साल तक पुलिस की नौकरी करता रहा है। सत्यनारायण वैष्णव की यह चोरी तब सामने आई, जब उसके खिलाफ शिकायत की गई थी। शिकायत की जांच करते हुए इस 'नटवरलाल' पुलिस की फर्जी जाति प्रमाण पत्र की सच्चाई सामने आई।
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पुलिस की कार्रवाई
इंदौर के जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र की सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस ने सत्यनारायण वैष्णव पर कार्रवाई शुरू की और 420 सहित विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था। पुलिस की जांच पूरी होने के बाद यह मामला कोर्ट में चला गया। कोर्ट ने इस पुलिसकर्मी को 4 हजार रुपए के जुर्माने के साथ 7 साल कैद की सजा सुनाई गई है।