मध्य प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं में शामिल दीपक जोशी ने 63 साल की उम्र में दूसरी शादी की है. दीपक जोशी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं. उन्होंने कांग्रेस की सचिव रहीं पल्लवी सक्सेना संग सात फेर लिए हैं. जोशी ने बहुत ही गुपचुप तरीके से शादी की है. हालांकि, उनकी शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं.
कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भोपाल के आर्य समाज मंदिर में 4 दिसंबर शादी की गई थी. इसके अलावा शादी की रस्में घर पर हुईं. इन रस्मों में दोस्त और करीबी रिश्तेदार ही शामिल हुए थे. इनकी शादी की जो तस्वीरें सामने आई हैं, उनमें एक में दीपक जोशी, पल्लवी की मांग में सिंदूर भरते हुए दिख रहे हैं. दूसरी तस्वीर हल्दी की रस्म की है, जिसमें दोनों लोग दिख रहे हैं.
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दो और महिलाओं ने किया दावा
पूर्व मंत्री दीपक जोशी की यह दूसरी शादी है. उनकी पहली पत्नी की कोरोना काल के वक्त मौत हो गई थी. वहीं, पल्लवी की भी यह दूसरी शादी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पल्लवी का एक बेटा भी है, जो गुजरात में रहकर पढ़ाई कर रहा है. हालांकि, मीडिया में खबरें ये भी आई हैं कि दो और महिलाओं ने दीपक जोशी की पत्नी होने का दावा किया है. एक महिला ने तो यहां तक दावा कर दिया कि दीपक जोशी से उसने साल 2016 में ही शादी कर ली थी. बताया जा रहा है कि 6 दिसंबर को उस महिला ने दीपक जोशी के घर पहुंकर हंगामा कर दिया.
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दीपक जोशी तीन बार रह चुके विधायक
दीपक जोशी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे हैं. दीपक जोशी खुद तीन बार विधायक रहे हैं. वह शिवराज सिंह चौहान की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. 2013 में उनके पास मध्य प्रदेश का स्कूल, उच्च शिक्षा और कौशल विकास विभाग था. दीपक की गिनती मध्य प्रदेश भाजपा के कद्दावर नेताओं में होती है. उन्होंने सबसे पहले साल 2003 में बागली से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इसके बाद वह विधानसभा पहुंचे थे. फिर उन्होंने लगातार 2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव हाटपिपल्या सीट से जीता. लेकिन 2018 में कांग्रेस उम्मीदवार मनोज चौधरी ने उन्हें हरा दिया था.
जब कांग्रेस में चले गए थे
वह शुरुआत से ही भाजपा के साथ रहे हैं. लेकिन साल 2023 में उन्होंने पार्टी पर अपेक्षा का आरोप लगाया था. उन्होंने हाटपिपल्या सीट से टिकट मांगी थी. लेकिन उनकी जगह कांग्रेस छोड़कर आए मनोज चौधरी को वहां से उतार दिया गया. फिर वह भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस ने उन्हें खातेगांव सीट से चुनाव में उतारा, लेकिन वह चुनाव जीतने में नाकाम रहे. लेकिन कुछ समय बाद भाजपा में वापस आ गए.
वहीं, पल्लवी सक्सेना कांग्रेस की पूर्व सचिव रह चुकी हैं.