Madhya Pradesh Cabinet Analysis : मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। सोमवार को कुल 28 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें से 18 को कैबिनेट मंत्री, छह को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और चार को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है।
नए मंत्रिमंडल में शामिल हुए छह नेता ऐसे हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में भी मंत्री पद पर थे। वहीं, 10 पूर्व मंत्रियों को इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। इस रिपोर्ट में पढ़िए मोहन के मंत्रिमंडल का एनालिसिस।
नए मंत्रिमंडल में जाति का कुछ ऐसा रहा गणित
जिन नेताओं को मंत्री बनाया गया है उनमें से 11 ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग), सात सामान्य वर्ग, छह एससी (अनुसूचित जाति) और चार एसटी (अनुसूचित जनजाति) से हैं। वहीं, केवल पांच महिलाओं को मोहन कैबिनेट में शामिल किया गया है।
लोकसभा चुनाव को देखते हुए बनाए गए मंत्री
मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद ओबीसी वर्ग से आते हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला सामान्य और जगदीश देवड़ा एससी वर्ग के हैं। भाजपा ने प्रदेश का यह मंत्रिमंडल अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के गणित को देखते हुए बनाया है।
बता दें कि प्रदेश में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या 50 प्रतिशत से ज्यादा है। वहीं, आबादी में एससी वर्ग की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत, एसटी वर्ग की 21 प्रतिशत और सामान्य वर्ग की 13 प्रतिशत है।
शिवराज सरकार में मंत्री रहे नेता फिर बने मंत्री
तुलसी सिलावट, विजय शाह, गोविंद सिंह राजपूत, विश्वास सारंग, इंदर सिंह परमार और प्रद्युमन सिंह तोमर शिवराज सिंह चौहान की सरकार में भी मंत्री थे और इन्हें मोहन यादव की कैबिनेट में भी जगह मिली है।
पांच महिला नेता हुईं नए मंत्रिमंडल में शामिल
मंडला से विधायक संपतिया उइके और पेटलावद से विधायक निर्मला भूरिया को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। गोविंदपुरा से विधायक कृष्णा गौर को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और रैंगाव से विधायक प्रतिमा बागरी व चितरंगी से विधायक राधा सिंह को राज्य मंत्री का पद मिला है।
10 पूर्व मंत्रियों को नहीं मिली कैबिनेट में जगह
गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, बिसाहूलाल सिंह, बृजेंद्र प्रताप सिंह, हरदीप सिंह डंग, प्रभुराम चौधरी, बृजेंद्र सिंह यादव, उषा ठाकुर, मीना सिंह और ओम प्रकाश सखलेचा पहले मंत्री थे लेकिन इस बार इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है।
इन जिलों में BJP जीती पर कोई मंत्री नहीं बना
देवास, नर्मदापुरम, विदिशा, बुरहानपुर, उमरिया, शिवपुरी, गुना, आगर मालवा, खरगौन, सीधी, शहडोल, अनूपपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी और डिंडौरी जिलों की विधानसभा सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी लेकिन यहां के किसी नेता को मंत्री पद नहीं मिला है।