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‘हेल्थ सेक्टर में मध्य प्रदेश करेगा टॉप’, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताई पूरी योजना

MP Govt Health Sector Development Plan: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार राज्य को स्वास्थ्य सेवाओं के सेक्टर में टॉप पर ले जाना चाहती है। इसके लिए राज्य सरकार ने योजना भी बनाई है, जिसके बारे में प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया है। 

MP Govt Health Sector Development Plan: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार राज्य के लोगों को हर तरह की सुविधा और व्यवस्था दिलाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार राज्य की जनता के लिए बेहतर शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध करवाने के लिए नए-नए आयाम तलाश रही है। इसी सिलसिले में प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल गुरुवार को एक टीवी के कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां उन्होंने मोहन यादव सरकार के विजन के बारे में बताया। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जिद, जुनून और जज्बे के साथ टीम स्पिरिट के काम करके मध्य प्रदेश को स्वास्थ्य सेवाओं के सेक्टर में टॉप पर ले जाएंगे।

हेल्थ सेक्टर के बजट में वृद्धि

डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश के वर्तमान बजट में पिछले साल के मुकाबले हेल्थ सेक्टर को 34 प्रतिशत ज्यादा राशि का प्रावधान रखा गया है। हेल्थ सेक्टर के बजट में हुई यह वृद्धि सरकार की प्रथामिकता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से हर नागरिक तक बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंचाने का काम किया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के लिए पिछले साल की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक बजट का प्रावधान रखा गया है। इसके साथ ही डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि हेल्थ सेक्टर में सेवाओं की व्यवस्था पर गहन मंथन कर गैप एनालिसिस किया गया है। इन कमियों की पूर्ति के लिए योजनाबद्ध तरिके से प्रयास किए जा रहे हैं। यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश में बनेगा दिल्ली की तरह एयर कार्गो हब, CM मोहन ने बताया मास्टर प्लान

राज्य सरकार की योजना

इसके साथ ही डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के लिए इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टेण्डर्ड (IPHS) के मापदंडों को लागू किया जा रहा है। सरकार ने 46 हजार से अधिक नए पदों का सृजन किया गया है। आने वाले 2 वालों में इन पदों की पूर्ति के प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ ही सरकार मेडिकल स्टडी की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। प्रदेश में साल 2003 में मात्र 5 सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटी ही थी। वहीं आज प्रदेश में 14 सरकारी मेडिकल यूनिवर्सिटी चल रही हैं। वहीं आने वाले 2 साल में 8 नए मेडिकल यूनिवर्सिटी शुरू करने पर भी सरकार काम कर रही है।


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