Madhya Pradesh Election Result 2023: मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के नतीजे रविवार को घोषित होंगे। इस बार चुनाव में 76.2 प्रतिशत वोटिंग हुई। पिछले विधानसभा चुनावों में करीब 75.63 फीसदी मतदान हुआ था। एमपी में वोटिंग का बढ़ना या कम होना कई बार जीत-हार तय कर देता है। आम तौर पर माना जाता है कि जब मतदान बढ़ता है तो सत्ता पक्ष को नुकसान होता है।
हालांकि एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश के सत्ताधारी दल बीजेपी को फायदा मिलने की बात सामने आई है, लेकिन कांग्रेस भी टक्कर में है। बहरहाल, इस चुनाव में 32 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। वहीं कई सांसद भी मैदान में हैं। मतदान के बाद से ही मंत्रियों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं।
बड़े अंतर से जीत मायने रखेगी
बीजेपी ने 34 में से 32 मंत्रियों पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है। ऐसे में इन मंत्रियों की बड़े अंतर से जीत मायने रखेगी। यानी सरकार आई तो जीत का अंतर मायने रखेगा। लंबी जीत का मतलब कैबिनेट में स्थान पक्का कर देगा। हालांकि 32 में 23 सीटों पर बढ़े वोट प्रतिशत ने धड़कनें बढ़ा रखी हैं। मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव की सीट मुंगावली में सबसे अधिक मतदान बढ़ा।
यहां 2018 में 75.2 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि इस बार 79.43 फीसदी मतदान हुआ है। चार प्रतिशत से ज्यादा मतदान के बाद यादव की कुर्सी पर खतरा माना जा रहा है। माना जाता है कि सत्ता या नेता विरोधी लहर के बाद लोगों ने ज्यादा से ज्यादा मतदान किया है। हालांकि ये संभावनाएं हैं।
दूसरी ओर गौरी शंकर बिसेन की बालाघाट सीट पर 2018 में 79.80 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार यहां 83.89 फीसदी वोटिंग हुई है। गोपाल भार्गव की रहली सीट पर पिछले विधानसभा चुनावों में 76.67 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि इस बार 3 प्रतिशत से ज्यादा 79.83 फीसदी मतदान हुआ है।
हालांकि मंत्री प्रेम पटेल की सीट बड़वानी में 2018 की तुलना में 5.25 प्रतिशत मतदान कम हुआ है। यहां 2018 में 77.80 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि इस बार हुआ सिर्फ 72.55 प्रतिशत मतदान हुआ है। बता दें कि 2018 में 13 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में हॉट सीटों के नतीजों को देखना काफी दिलचस्प होगा।
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