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‘Distance Learning System आजीवन शिक्षा पाने का शानदार साधन’, 7वें दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल पटेल

Governor Mangubhai Patel News: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कुशाभाउ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित मप्र भोज (ओपन) यूनिवर्सिटी के 7वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया।

Governor mangu bhai patel
Governor Mangubhai Patel News: राज्यपाल पटेल मंगलवार को राजा भोज (ओपन) यूनिवर्सिटी के 7वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय सभागार, भोपाल में हुए समारोह में उच्च शिक्षा, आयुष एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार भी मौजूद थे। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में दूरस्थ शिक्षा, जीविका उपार्जन के साथ आजीवन शिक्षा पाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। समाज के अत्यंत पिछड़े, दूरस्थ क्षेत्रों, दिव्यांगजन, घरेलू, कामकाजी स्त्री-पुरुष और युवाओं तक शिक्षा पहुंचाने का यह सहज और सरल माध्यम है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सराहनीय पहल की है। जरूरी है कि दूरस्थ शिक्षा से वंचित वर्गों के लिए सामाजिक सेवाएं और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रयासों में और मजबूती आए। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि दीक्षित विद्यार्थी, अपने माता-पिता और गुरुजनों के योगदान को कभी नहीं भूले। हमेशा उनके त्याग और तपस्या के प्रति कृतज्ञता का भाव रखें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों ने दूरस्थ शिक्षा के जरिए अपने लक्ष्यों की पूर्ति और सपनों को साकार करने का पहला पड़ाव पार कर लिया है। अब इस ज्ञान और कौशल से जीवन में सफलता पाने के लिए आगे बढ़ें। राज्यपाल पटेल ने कहा कि अपनी प्रगति के मूल्यांकन और सुधार के साथ क्षमताओं को पहचानें। अनुशासन और टाइम मैनेजमेंट के साथ लगातार प्रयास करें। बिना आत्म विश्वास खोए पूरा प्रयास करें, क्योंकि जीत हमेशा प्रयास करने वालों की ही होती है।

रामचरित मानस और गीता में डिप्लोमा देने की पहल सराहनीय

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा रामचरित मानस से सामाजिक विकास और भगवत गीता में डिप्लोमा प्रदान करना अत्यंत सराहनीय पहल है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा सिकल सेल एनीमिया जागरूकता के लिए ग्रामीण अंचलों में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल पटेल ने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में उच्च मानकों के पाठ्यक्रमों के साथ विश्वविद्यालय विषय विशेषज्ञों द्वारा गुणवत्तापूर्ण अध्ययन सामग्री तैयार कराए। पाठ्यक्रम की प्रासंगिकता की निरंतर समीक्षा भी की जानी चाहिए। कौशल उन्नयन और भविष्य की जरूरतों के अनुसार अपने कार्यक्रमों को डिजाइन करें। विद्यार्थियों को ज्ञान और कौशल के सहज आदान-प्रदान का प्लेटफार्म भी उपलब्ध कराएं।

प्रख्यात विभूतियां सम्मानित

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने दीक्षांत समारोह में डॉ. होमी जहांगीर भाभा इंस्टीट्यूट के चान्सलर पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोड़कर, इन्टरनेशनल सेंटर फॉर थ्योरेटिकल फिजिक्स के भौतिक विज्ञानी डॉ. आतिश श्रीपाद दाभोलकर, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी बीएआरसी के डॉ. जे.व्ही. याख्मी, आईआईटी चेन्नई के प्रोफेसर पद्मश्री डॉ. अशोक झुनझुनवाला और इन्द्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल नई दिल्ली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ओमप्रकाश शर्मा को डॉक्टर ऑफ साइन्स (डी.एस.सी) की मानद उपाधि से सम्मानित किया। इसी प्रकार शिक्षाविद् और पूर्व कुलपति (Indira Gandhi National Open University) प्रो. नागेश्वर राव को डॉक्टर ऑफ डिस्टेंस एजुकेशन (Doctor of Distance Education) की मानद उपाधि प्रदान की गई। राज्यपाल श्री पटेल ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को राजा भोज उत्कृष्टता पदक और दीक्षित विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अपने संबोधन में विद्वान और प्रतापी और विद्वान राजा भोज के शिक्षा प्रसार, जल संरक्षण और प्रजाहितैषी कार्यों का जिक्र किया। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे राजा भोज के व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा लें। भारतीय दर्शन, गौरवशाली ज्ञान परम्परा और पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में सहयोग कर विकसित भारत के निर्माण में सहभागी बनें। कार्यक्रम को डॉ. होमी जहांगीर भाभा इंस्टीट्यूट के चान्सलर पद्मविभूषण डॉ. अनिल काकोड़कर और भौतिक विज्ञानी डॉ. आतिश श्रीपाद दाभोलकर ने भी संबोधित किया। राज्यपाल मंगुभाई पटेल का स्वागत तुलसी का पौधा भेंट कर किया गया। शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह से अभिनंदन किया गया। राज्यपाल पटेल ने विश्वविद्यालय की स्मारिका का लोकार्पण किया। स्वागत उद्बोधन कुलगुरू प्रो. डॉ. संजय तिवारी ने दिया। कुलसचिव डॉ. सुशील मंडेरिया ने दीक्षांत समारोह की कार्यवाही का संचालन और आभार व्यक्त किया। दीक्षांत समारोह में सीनियर अधिकारी, अलग-अलग विश्वविद्यालयों के कुलगुरू, भोज मुक्त विश्वविद्यालय के अलग-अलग संकायों के अध्यक्ष, दीक्षित विद्यार्थी और उनके अभिभावक भी मौजूद रहे। ये भी पढ़ें-  गांधी जयंती पर मुख्यमंत्री मोहन यादव की बड़ी सौगात, कर्मचारियों के खाते में आए 69 लाख 42 हजार रुपए


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