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मध्य प्रदेश में नहीं दिख रहा ‘नारी शक्ति वंदन’; BJP की 3 लिस्ट में सिर्फ 15 फीसदी महिलाओं को टिकट

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: हाल ही खत्म हुए संसद के विशेष सत्र में भाजपा ने सदन के दोनों सदनों से ‘नारी शक्ति वंदन बिल’ पास कराया था। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि इस अधिनियम से राजनीति में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा। फिलहाल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जारी […]

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: हाल ही खत्म हुए संसद के विशेष सत्र में भाजपा ने सदन के दोनों सदनों से 'नारी शक्ति वंदन बिल' पास कराया था। केंद्र सरकार की ओर से कहा गया कि इस अधिनियम से राजनीति में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा। फिलहाल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जारी भाजपा की शुरुआती 3 प्रत्याशियों की लिस्ट में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' का प्रभाव नहीं दिख रहा है। 230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में भाजपा ने अब तक प्रत्याशियों की तीन लिस्ट जारी की है, जिसमें कुल 79 उम्मीदवारों की घोषणा की गई है। लिस्ट के मुताबिक, अब तक जारी 79 प्रत्याशियों में सिर्फ 12 महिलाओं को उम्मीदवार बनाया गया है। यानी अब तक जारी उम्मीदवारों की संख्या में 15 फीसदी महिलाओं को ही टिकट दिया गया है।

इन महिला उम्मीदवारों को दी गई टिकट

सबलगढ़ विधानसभा सीट: सरला विजेंद्र रावत चाचौड़ा विधानसभा सीट: प्रियंका मीणा छतरपुर विधानसभा सीट: ललिता यादव जबलपुर पूर्व विधानसभा सीट: अंचल सोनकर पेटलावद विधानसभा सीट: निर्मला भूरिया डबरा विधानसभा सीट: इमरती देवी सीधी विधानसभा सीट: रीती पाठक परासिया विधानसभा सीट: ज्योति डहेरिया घोंडाडोंगरी विधानसभा सीट: गंगा बाई उइके भीकनगांव विधानसभा सीट: नंदा ब्राह्मणे सौलाना विधानसभा सीट: संगीता चारेल अमरवाड़ा विधानसभा सीट: मोनिका बट्टी यहां देखें भाजपा की पहली, दूसरी, तीसरी लिस्ट बता दें कि 2018 विधानसभा चुनाव में सिर्फ 21 महिलाएं चुनाव जीतकर मध्य प्रदेश विधानसभा पहुंचीं थीं। इनमें से भाजपा की 11, कांग्रेस की 9 और बसपा की एक विधायक शामिल हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा ने 10, कांग्रेस ने 12 फीसदी महिला प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था।

2003 से 2018 तक भाजपा-कांग्रेस ने इतनी महिलाओं को दिया टिकट

पिछले 4 चुनावों की बात की जाए तो 2003 में भाजपा ने करीब 8 फीसदी से कम, जबकि कांग्रेस ने करीब 15 फीसदी महिलाओं को मैदान में उतारा था। 2008 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 10 फीसदी जबकि कांग्रेस ने 12 फीसदी से अधिक महिला प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा था। 2013 विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो भाजपा ने फिर से 10 फीसदी जबकि कांग्रेस ने भी 10 फीसदी महिलाओं को टिकट दिया। वहीं, पिछली बार के चुनाव यानी 2018 में भाजपा ने 10 फीसदी से अधिक महिलाओं को मैदान में उतारा, जबकि कांग्रेस ने 12 फीसदी से अधिक महिलाओं को टिकट दिया था।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2003

2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 18 महिला प्रत्याशियों के चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं, कांग्रेस ने इस चुनाव में 34 महिला प्रत्याशियों को टिकट दिया था। भाजपा की 15 महिला प्रत्याशियों को जबकि कांग्रेस की तीन महिला प्रत्याशियों को जीत मिली थी।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2008

2008 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 23 महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाया, जिनमें से 15 महिला प्रत्याशी चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंची। वहीं, इस साल कांग्रेस ने 28 महिला उम्मीदवारों को अपना प्रत्याशी बनाया। इनमें से 6 महिलाओं को जीत मिली।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2013

2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 23 महिला उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा। इनमें से 17 को जीत मिली। वहीं, कांग्रेस ने 2013 के विधानसभा चुनाव में 23 महिलाओं को टिकट दिया, जिनमें से 6 महिलाओं को जीत मिली।

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018

पिछली बार यानी 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 24 महिलाओं को टिकट दिया था। इसमें से 11 महिलाएं चुनाव जीतीं और विधानसभा पहुंची। वहीं कांग्रेस ने 2018 में 28 महिलाओं को टिकट दिया, जिसमें से 9 उम्मीदवारों को जीत मिली।


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