मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार द्वारा प्रदेश में आज यानी 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति-2025 लागू हो गई है। नई आबकारी नीति के तहत आज से राज्य के 19 धार्मिक जगहों पर शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में शराब की दुकानों को भी बंद करने का फैसला लिया गया है। नई नीति के तहत 31 मार्च की आधी रात से ही इन क्षेत्रों की 47 शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं, इन जगहों पर बार, शराब ठेका और बैठा कर शराब पिलाने की व्यवस्था को भी बंद किया गया है।
इन जगहों पर आज से शराब बंद
जानकारी के अनुसार, अब इन इलाकों की लीकर और वाइन आउटलेट्स को नए लाइसेंस भी जारी नहीं होंगे। इन आउटलेट्स को संचालन की अनुमति होगी। प्रदेश के जिन 19 पवित्र जगहों पर शराब की बिक्री बैन की गई है, उनमें राज्य के 6 नगर पालिकाएं, 6 नगर परिषद, 6 ग्राम पंचायतें और एक नगर निगम शामिल हैं।
इन 19 जगहों की लिस्ट में उज्जैन नगर निगम, महेश्वर नगर पंचायत, बरमान कला ग्राम पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, लिंगा ग्राम पंचायत, बरमान खुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत, बांदकपुर ग्राम पंचायत, चित्रकूट नगर पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, मंडलेश्वर नगर पंचायत, अमरकंटक नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, मंडला नगर पालिका, मैहर नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका और मुलताई नगर पालिका शामिल हैं।
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काल भैरव मंदिर में भी शराब बंद
इतना ही नहीं, उज्जैन नगर निगम के साथ काल भैरव मंदिर के परिसर में भी शराब की दुकान बंद होगी। बता दें कि प्राचीन समय से काल भैरव मंदिर में बाबा के दर्शन के दौरान उन्हें मदिरा का भोग लगाया जाता है। प्राचीन समय से बाबा के दर्शन में मदिरा का भोग लगाने की परंपरा है। मंदिर परिसर की दुकान भी बंद होगी। अब भक्तों को बाहर से शराब लाकर भोग लगाना होगा। मध्य प्रदेश आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 19 धार्मिक क्षेत्रों में स्थित 47 शराब की दुकानें 1 अप्रैल से बंद होंगी। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में चल रहे बार भी बंद रहेंगे। उज्जैन के भैरव मंदिर परिसर की सारी शराब की दुकानें बंद होंगी।