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इंदौर में गणेश जी को बांधी जाएगी 1 क्विंटल की राखी, जानें क्या है इसकी खासियत

भोपाल: आज रक्षाबंधन के मौके पर इंदौर में बनी सबसे बड़ी और भव्य राखी श्री खजराना गणेश मंदिर को अर्पित की जाएगी। इसको बनाने वाली समिति ने यह दावा है कि यह वर्ल्ड की सबसे बड़ी राखी जो कि 144 वर्गफीट फीट की है तथा इसका वजन 101 किलोग्राम है। रात्रि 9.10 बजे भगवान को […]

भोपाल: आज रक्षाबंधन के मौके पर इंदौर में बनी सबसे बड़ी और भव्य राखी श्री खजराना गणेश मंदिर को अर्पित की जाएगी। इसको बनाने वाली समिति ने यह दावा है कि यह वर्ल्ड की सबसे बड़ी राखी जो कि 144 वर्गफीट फीट की है तथा इसका वजन 101 किलोग्राम है।

रात्रि 9.10 बजे भगवान को की जाएगी समर्पित

इस राखी में लगने वाले आठ चक्र को अलग से पैक किया गया है और इसकी 101 मीटर लम्बी डोर को भी अलग बॉक्स में रखा गया है। यह राखी आज रात 9.10 बजे भगवान को समर्पित की जाएगी। खास बात यह है कि इसे लोडिंग में रखकर मंदिर तक ले जाए जाएगा और वहीं पर कैम्पस में इसे रखा जाएगा। इस अवसर पर आम लोग भी इस भव्य नजारे को देख सकेंगे।

सातवीं बार इस तरह की राखी का किया जा रहा निर्माण

इस भव्य राखी के अवसर पर भक्तगण भी राखी बांध सकेंगे जिसका ऑन लाइन रिकॉर्ड रखा जाएगा। क्यू आर कोड भी लगाया गया है जिससे राखी की पूरी जानकारी लोग पा सकेंगे। इसके साथ ही 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड' टीम इसे दुनिया की सबसे बड़ी राखी के रूप में प्रमाणिकता देने के लिए सारे पैरामीटर्स को देखेगी। राखी में अष्ट विनायक व सिद्धि विनायक के रूप को दिखाया गया है। इस भव्य राखी का निर्माण इंदौर श्री गणेश भक्त समिति के द्वारा किया गया है। कलाकारों द्वारा राखी को बनाने में 15 दिन का समय लगा है। समिति ने बताया कि उनके द्वारा सातवीं बार इस तरह की राखी का निर्माण किया जा रहा है। समिति ने सबसे पहली राखी 7X7 निर्माण कर खजराना गणेश मंदिर को अर्पित की थी। उसके बाद से हर साल इसका साइज एक-एक फीट बढ़ाते गए हैं। यह भी पढ़ें-क्या है वो वायरल पोस्ट, जिस पर दिग्विजय सिंह के खिलाफ दर्ज हुई FIR; दिया ये जवाब

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड की टीम को किया गया है आमंत्रित

समिति ने बताया कि इस बार भी वे अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ रहे हैं। समिति ने आगे कहा कि उन्होंने इस बार 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड' की टीम को भी बुलाया है जिससे इस भव्य राखी को विश्व की सबसे बड़ी राखी के रूप में प्रमाणिकता मिल सके। इस विशाल राखी को रक्षा बंधन से जन्माष्टमी तक भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर में ही रखा जाएगा।


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