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MP में FDR तकनीक से बन रही पहली सड़क, यूपी-तेलंगाना में बन चुकी हैं ऐसी सड़कें

MP News: श्यामपुर को सीहोर से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से किया जा रहा है। इस तकनीक से बनने वाली यह प्रदेश की पहली सड़क है। सामान्य तकनीक से 6 मीटर चौड़ी और एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में करीब सवा करोड़ रुपए का खर्च आता है, जबकि एफडीआर […]

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MP News: श्यामपुर को सीहोर से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण फुल डेप्थ रिक्लेमेशन (एफडीआर) तकनीक से किया जा रहा है। इस तकनीक से बनने वाली यह प्रदेश की पहली सड़क है। सामान्य तकनीक से 6 मीटर चौड़ी और एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाने में करीब सवा करोड़ रुपए का खर्च आता है, जबकि एफडीआर पद्धति से सड़क के निर्माण में 40 से 50 फीसदी कम लागत आती है और यह सामान्य से दो गुना मजबूत भी होती हैं।

इन गांव के लोगों को होगा फायदा

बताया गया है कि शीघ्र ही इस सड़क के आने वाले अनेक ग्रामों के अप्रोच रोड भी 30 मीटर बनेगी जिससे ग्राम राजू खेड़ी, मानपुरा, रोला, शेखपुरा ,मगर खेड़ा, बड़ी खजूरिया, सिराडी, निवारिया, दुपाड़िया, खंडवा, छोटा खजुरिया, आदमपुर, मुंज खेड़ा और गुलखेड़ी के ग्रामीणों को भी लाभ होगा।

29 करोड़ की लागत से बन रही सड़क

सीहोर श्यामपुर के बीच 24.30 किमी लंबी और 6 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सड़क निर्माण में करीब 29 करोड़ रुपए की लागत आएगी, सड़क के निर्माण का काम तेजी से किया जा रहा है। ताकि बरसात से पहले इसकी शुरुआत हो सके। बताया गया है कि एफडीआर पद्धति से सड़क के निर्माण में 40 से 50 फीसदी लागत कम आती है। एक किमी लंबी 6 मीटर चौड़ाई वाली सामान्य सड़क को बनाने में जहां करीब सवा करोड़ रुपए की लागत आती है वहीं इस पद्धति में 50 लाख रुपए तक का खर्च आता है और यह सड़क सामान्य सड़क से अधिक मजबूत होती है। सामान्य सड़क की उम्र 5 साल की होती है, जबकि इसकी उम्र 10 साल होगी।

यूपी और तेलंगाना में बन चुकी हैं सड़कें

मध्य प्रदेश में एफडीआर तकनीक की यह पहली सड़क है, जबकि उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में इस पद्धति से सड़कें बनाई जा चुकी हैं। जिनकी शुरुआत भी हो चुकी है। दोनों राज्यों में सड़कों के सफल प्रयोग होने के बाद अब मध्य प्रदेश में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। सीहोर श्यामपुर के बीच बनाई जा रही 24.30 किमी लंबी इस सड़क को बनाने में 29 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसे फुल डेप्थ रिक्लेमेशन यानि एफडीआर तकनीक से बनाया जा रहा है। यह सड़क इस तकनीक से बनने वाली प्रदेश की पहली सड़क है। इससे पहले उत्तरप्रदेश और तेलंगाना में इस पद्धति से कुछ सड़कें बनाई गई हैं।


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