Jharkhand News: चेन्नई से रांची लाया गया शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर, पैतृक गांव में आज अंतिम संस्कार

Jharkhand News: सीएम हेमंत ने उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया। साथ ही झारखंड में दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। 

Jharkhand News: झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो का पार्थिव शरीर चेन्नई से झारखंड पहुंचा। यहां उनके पैतृक गांव अलारगो में उनका अंतिम संस्कार होगा। जगरनाथ महतो का गुरुवार को चेन्नई में निधन हो गया था।

उनके निधन पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने दुख जताते हुए ट्वीट किया। वहीं शुक्रवार को सीएम हेमंत ने उनके पार्थिव शरीर को कंधा दिया। साथ ही दो दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

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सीएम हेमंत सोरेन ने शोक व्यक्त किया

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के देहांत पर झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने गहरा शोक व्यक्त किया था। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि अपूरणीय क्षति! हमारे टाइगर जगरनाथ दा नहीं रहे!

आज झारखंड ने अपना एक महान आंदोलनकारी, जुझारू, कर्मठ और जनप्रिय नेता खो दिया। चेन्नई में इलाज के दौरान आदरणीय जगरनाथ महतो जी का निधन हो गया। परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार को दुःख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्ति दे।

शुक्रवार को भी सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट किया। लिखा, टाइगर जगरनाथ दा ने झारखण्ड और झारखण्डियत की रक्षा के संघर्ष में हमेशा साथ निभाया, उसे जीतना सिखाया। झारखण्ड की माटी के वीर सपूत जगरनाथ महतो अमर रहें!

सीएम हेमंत सोरेन ने दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री श्री @HemantSorenJMM ने जगरनाथ महतो के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने परमात्मा से दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल परिवार को दुःख की इस विकट घड़ी सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की।

उधर, झामुमो के अध्यक्ष और झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन भी श्रद्धांजलि देने के लिए जगरनाथ महतो के पैतृक गांव पहुंचे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर भी महतो के निधन पर दुख जताया गया है। 

गरीबी के कारण पूरी नहीं कर पाए थे पढ़ाई

जगरनाथ महतो 10वीं पास थे, जब झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से विधायक बनने के बाद हेमंत सोरेन सरकार में उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। इस पर विपक्ष समेत कई लोगों ने उनकी आलोचना की। आलोचनाओं से परेशान होकर उन्होंने शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र डुमरी के एक कॉलेज में दाखिला लिया।

अगस्त 2020 में एक मीडिया रिपोर्ट में जगरनाथ महतो ने कहा था कि वे काफी गरीब परिवार से आते हैं। परिवार खेती करके अपनी गुजर-बसर करता था। गरीबी के कारण वे अपनी पढ़ाई को पूरा नहीं कर पाए। इसका उन्हें हमेश दुख रहा।

दिसंबर 2022 में मिली थी जान से मारने की धमकी

दिसंबर 2022 को जगरनाथ महतो को जान से मारने की भी धमकी मिली थी। एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि किसी अज्ञात शख्स ने उन्हें स्पीड पोस्ट से उन्हें धमकी भरा पत्र भेजा था।

कहा जाता है कि उन्हें दो दिन में तीन पत्र मिले थे। पत्र में जगरनाथ महतो के साथ-साथ झामुमो नेता शिबू सोरेन और हेमंत सोरेन को भी धमकी दी थी। पत्र में उन्हें 1932-आधारित अधिवास नीति को वापस लेने या परिणाम भुगतने की धमकी दी।

सितंबर 2020 में कोरोना संक्रमण से खराब हुए थे फेंफड़े

जगरनाथ महतो सितंबर 2020 में कोरोना संक्रमित हुए थे। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि तब कोरोना संक्रमण के कारण उनके फेंफड़े पूरी तरह से खराब हो गए थे। तब उन्हें 21 दिनों तक लाइफ सपोर्ट पर रखा गया था। हालांकि उसके बाद चले लंबे इलाज के बाद उनकी तबीयत में सुधार हुआ था, लेकिन वे पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाए थे।

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