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International Literacy Day 2022: किस राज्य की साक्षरता दर कितनी, कितना पढ़ा-लिखा है हिंदुस्तान

नई दिल्ली: साक्षरता एक व्यक्ति की पढ़ने, लिखने और समाज में खुद को व्यक्त करने की बुनियादी क्षमता है। साक्षरता कम्यूनिकेशन का एक स्तंभ है जो समाज के विकास में मदद करता है। शिशु मृत्यु दर से लेकर बीमारी या फिर अन्य तरह की समस्याओं को दूर और कम करने में मदद करता है और […]

नई दिल्ली: साक्षरता एक व्यक्ति की पढ़ने, लिखने और समाज में खुद को व्यक्त करने की बुनियादी क्षमता है। साक्षरता कम्यूनिकेशन का एक स्तंभ है जो समाज के विकास में मदद करता है। शिशु मृत्यु दर से लेकर बीमारी या फिर अन्य तरह की समस्याओं को दूर और कम करने में मदद करता है और व्यक्तियों को सशक्त भी बनाता है। यह न केवल विकास में मदद करता है बल्कि किसी भी देश के आर्थिक विकास को भी प्रभावित करता है।

क्यों मनाया जाता है साक्षरता दिवस

अब सवाल आता है कि आखिर साक्षरता दिवस क्यों मनाया जाता है? इसका जवाब है कि लोगों और समुदायों के बीच साक्षरता के महत्व को बढ़ाने और फैलाने के उद्देश्य से हर साल आज यानी 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। 26 अक्टूबर 1966 को 14वें यूनेस्को आम सम्मेलन में 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का फैसला लिया गया था और एक साल बाद 1967 में पहली बार इसे सेलिब्रेट किया गया था।

भारत की साक्षरता दर क्या है?

हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां टेक्नोलॉजी को पल-पल अपडेट किया जा रहा है, फिर भी हमारे देश की साक्षरता प्रणाली धीमी लेकिन निरंतर विकास की राह पर है। भारतीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की साक्षरता दर 2011 में 73% थी जो 10 सालों में करीब 5 प्रतिशत बढ़ी है। 2022 में भारत की साक्षरता दर 77.7% दर्ज की गई है।

साक्षरता दर कम होने के पीछे ये कारण

वहीं, भारत के ग्रामीण इलाकों की साक्षरता दर 73.5 प्रतिशत जबकि शहरी इलाकों की साक्षरता दर 87.7 प्रतिशत है। राष्ट्रीय स्तर पर पुरुषों की साक्षरता दर 84.7 जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 70.3 प्रतिशत है। साक्षरता दर के कम होने के पीछे तेजी से बढ़ रही जनसंख्या, गरीबी और खराब स्वास्थ्य स्थितियों को जिम्मेदार माना जा सकता है।

आंध्र प्रदेश में है सबसे कम साक्षरता दर

पिछले साल आए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत के 28 राज्यों में 96.2% के साथ केरल का साक्षरता दर सबसे अधिक है जबकि 66.4 प्रतिशत के साथ सबसे कम साक्षरता दर वाला राज्य आंध्र प्रदेश है। वहीं केंद्र शासित प्रदेशों की बात की जाए तो लगभग 91.8% साक्षरता दर के साथ सबसे अधिक साक्षर केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप है, जबकि 68.7% साक्षरता दर के साथ जम्मू और कश्मीर में सबसे कम साक्षरता दर है। वहीं, देश की राजधानी दिल्ली की साक्षरता दर 86.2% है।

भारत के 10 सबसे ज्यादा साक्षरता दर वाले राज्य

केरल- 96.2% मिजोरम- 91.58% दिल्ली- 88.7% त्रिपुरा- 87.75% उत्तराखंड- 87.6% गोवा- 87.4% हिमाचल प्रदेश- 86.6% असम- 85.9% महाराष्ट्र- 84.8% पंजाब- 83.7%

भारत के सबसे कम साक्षरता दर वाले राज्य

आंध्र प्रदेश- 66.4% राजस्थान- 69.7% बिहार- 70.9% तेलंगाना- 72.8% उत्तर प्रदेश- 73.0% मध्य प्रदेश- 73.7% झारखंड- 74.3% कर्नाटक- 77.2% छत्तीसगढ़- 77.3% नोट- आंकड़े 2021 में आए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) से लिए गए हैं।


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