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दिल्ली से बच्ची को हरियाणा पुलिस ने ढूंढ निकाला; कुछ दिन देर हो जाती तो इटली पहुंच जाती मासूम

पंचकूला: राजधानी दिल्ली से पिछले ढाई साल से लापता नन्ही सी बच्ची को हरियाणा पुलिस की स्टेट क्राइम ब्रांच टीम ने सिर्फ 6 दिन में ढूंढ निकाला। यह बच्ची उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक आश्रम में रही थी। इस मामले में बड़ी बात यह भी है कि शुक्र है, वक्त रहते यह अपने माता-पिता […]

पंचकूला: राजधानी दिल्ली से पिछले ढाई साल से लापता नन्ही सी बच्ची को हरियाणा पुलिस की स्टेट क्राइम ब्रांच टीम ने सिर्फ 6 दिन में ढूंढ निकाला। यह बच्ची उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक आश्रम में रही थी। इस मामले में बड़ी बात यह भी है कि शुक्र है, वक्त रहते यह अपने माता-पिता से मिल गई। अगर कुछ दिन और नहीं मिलती तो फिर शायद कभी नहीं मिलती, क्योंकि इस मासूम को इटली चले जाना था। बहरहाल, जिगर के टुकड़े को फिर से अपनी गोद में पाकर इसके माता-पिता फूले नहीं समा रहे हैं। आइए मामले को जरा तफसील से समझते हैं...
  • मार्च 2021 में मां के साथ कहीं जाते वक्त अचानक लापता हो गई थी 5 साल की बच्ची

  • मानसिक बीमार हालत में पुलिस ने रेस्क्यू करके छोड़ दिया था गाजियाबाद के आश्रम में

हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता से मिली जानकारी के अनुसार मार्च 2021 में शकील अहमद नामक व्यक्ति की 5 साल (गुमशुदगी के वक्त) की बेटी उस वक्त अचानक गुम हो गई, जब उसकी मां उसे लेकर कहीं जा रही थी। इस संबंध में शिकायत दिल्ली के जगतपुरी के नजदीकी थाने भी में दर्ज भी करवाई गई थी, लेकिन 2 साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद उसका कोई पता नहीं चल पाया था। शकील अहमद ने बताया उसने बच्ची को ढूंढने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश के आस-पास की कोई भी जगह नहीं छोड़ी। इस पर उन्होंने काफी पैसे खर्च कर दिए। हाल ही में यह मामला हरियाणा पुलिस के संज्ञान में आया तो स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग पंचकूला यूनिट ने इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अपने एएसआई राजेश कुमार के कंधों पर डाल दी। दरअसल, दिल्ली निवासी शकील अहमद ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पंचकूला से संपर्क किया था। इसके बाद स्टेट क्राइम ब्रांच एएसआई राजेश कुमार ने स्टेट क्राइम ब्रांच के एएसआई राजेश कुमार को इस बच्ची को ढूंढने की जिम्मेदारी सौंपी गई और उन्होंने बच्ची के संबंध में जितनी जानकारी परिवार से मिली, हासिल करके उसकी दिल्ली के आसपास के सभी निजी आश्रमों में फोटो भेज दी और फीडबैक लेना शुरू कर दिया। इसी दौरान फोटो के आधार पर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित घरौंडा चिल्ड्रन होम के संचालक ने बताया कि लगभग 2 साल पहले इस बच्ची को पुलिस ने कहीं से रेस्क्यू करके यहां छोड़ा था। उस वक्त वह थोड़ी सी मानसिक बीमार होने के कारण किसी से बात भी नहीं करती थी। न नाम पता था और न कोई दूसरी जानकारी मिल सकी, जिसके चलते इस मासूम बच्ची को यहां सभी ने मछली कहना शुरू कर दिया। हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग पंचकूला यूनिट ने सिर्फ 6 दिन में ही इस बच्ची को ढूंढने में सफलता हासिल की है। वहीं बड़ी बात यह है कि अगर कुछ दिन और देर हो जाती तो यह इटली पहुंच गई होती। पता चला है कि परिवार की किसी प्रकार की जानकारी न मिलने के कारण गोद लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। पहले चेन्नई के एक परिवार ने इच्छा जताई थी, लेकिन किसी कारण से बात नहीं बन सकी। इसके बाद अब इटली के एक परिवार ने इसे गोद लेने के लिए जरूरी कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके पूरा होते ही 15 दिन के भीतर ही यह बच्ची उस परिवार के साथ इटली चली जाती।


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