भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स करीब 9 महीने अंतरिक्ष में बिताने के बाद अब धरती पर वापस लौट आई हैं। उनके इस ऐतिहासिक मिशन को लेकर दुनियाभर में खुशी की लहर है। वहीं उनके पैतृक गांव गुजरात के झूलासन में भी उत्साह का माहौल है। गांव के लोगों ने उनकी सुरक्षित वापसी के लिए विशेष पूजा-अर्चना की। अब झूलासन गांव के लोग इस ऐतिहासिक पल को दिवाली और होली की तरह मनाने की तैयारी कर रहे हैं। सुनीता विलियम्स 8 दिन के नासा के मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) पर भेजी गई थीं, लेकिन उनके स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी आने की वजह से बीते 9 महीने से सुनीता विलियम्स और उनके सहयोगी बैरी विल्मोर अंतरिक्ष में ही फंसे थे। जिन्हें वापस लाने के लिए ड्रैगन स्पेसएक्स भेजा गया था।
सुनीता विलियम्स की वापसी पर भारत में हर जगह जश्न मनाया जा रहा है। उनके पैतृक गांव गुजरात के मेहसाणा के झूलासन में लोगों ने रात में ही आतिशबाजी कर खुशी जाहिर की। वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉक्टर जीतेन्द्र सिंह ने भी प्यारा सा मैसेज सोशल मीडिया पर लिखकर बधाई दी है।
सुनीता विलियम्स के गांव में मनाई गई दीवाली
ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की सफल लैंडिंग के बाद जैसे ही नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बाहर आईं, तो लोगों की खुशी का ठीकाना नहीं रहा। सुनीता विलियम्स के पैतृक गांव झूलासन में लोगों ने पटाखे फोड़कर और खुशी मनाई।
सुनीता विलियम्स के नाम दर्ज कई रिकॉर्ड
सुनीता विलियम्स अपने सह-यात्री बुच विल्मोर के साथ स्पेसएक्स के जरिए पृथ्वी पर लौट आई हैं। उन्होंने अंतरिक्ष में कई रिकॉर्ड बनाए हैं, जिनमें उनके नाम 62 घंटे की स्पेसवॉक का रिकॉर्ड है, जो किसी भी महिला अंतरिक्ष यात्री के लिए सबसे ज्यादा है। उनकी सफलता पर गांव के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं।
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