Morbi Bridge Collapse Case: ओरेवा ग्रुप के प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल को मोरबी के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एमजे खान ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। जयसुख मोरबी शहर में झूला गिरने के मामले में आरोपी हैं। 31 जनवरी को उन्होंने सरेंडर किया था। अदालत ने 2 फरवरी को पटेल को बुधवार तक के लिए रिमांड पर भेज दिया था। रिमांड की समय सीमा खत्म होने पर पुलिस ने अतिरिक्त रिमांड नहीं मांगी। इस पर उन्हें फिर से कस्टडी में भेज दिया गया।
दरअसल, 30 अक्टूबर, 2022 को मोरबी में पुल ढह गया था। इस हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी। इस 233 मीटर लंबे सस्पेंशन ब्रिज को 1879 में बनाया गया था।
पटेल की फर्म को मिला था संचालन का ठेका
मच्छू नदी पर बने इस पुल के संचालन और रखरखाव का ठेका जयसुख पटेल की फर्म अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा) को दिया गया था। मामले की जांच कर रही गुजरात पुलिस ने पुल के मरम्मत, रखरखाव और संचालन में कई खामियां पाई थी। इसके बाद एसआईटी ने 27 जनवरी 2023 को जयसुख पटेल को आरोपी बनाया था।
टिकट बिक्री पर नहीं लगाया अंकुश
एसआईटी का आरोप है कि टिकटों की बिक्री पर कोई अंकुश नहीं लगाया गया था। इसके अलावा बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह लिए बगैर पुल की मरम्मत की गई। एसआईटी ने यह भी कहा कि पटेल की फर्म द्वारा रखे गए ठेकेदार इस तरह की मरम्मत और नवीनीकरण के लिए योग्य नहीं थे।
पुलिस ने बनाए 10 आरोपी, 9 गिरफ्तार
पुलिस ने प्रबंध निदेशक जयसुख पटेल समेत 10 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 304, 308, 336, 337, 338 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने नौ लोगों को गिरफ्तार किया है और सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।
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