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जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से जुड़ी बड़ी खबर, अब आसानी से सुधार सकेंगे नाम, गुजरात सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

Birth-Death Certificate Correction: इंडियन एविडेंस एक्ट (Indian Evidence Act) 2023 की धारा 36 के अनुसार, जन्म और मृत्यु के रजिस्टर में की गई एक प्रविष्टि कई कार्यों के लिए जरूरी एविडेंस है।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Sep 26, 2024 16:06
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Birth-Death Certificate Correction

Birth-Death Certificate Correction: भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 की धारा 36 के अनुसार, जन्म और मृत्यु के रजिस्टर में की गई एक प्रविष्टि कई कार्यों के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य है। जिसमें जन्म या मृत्यु प्रमाण पत्र में दर्ज नाम में संशोधन को लेकर केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने 30 जून 2015 को एक अधिसूचना जारी की, उसके बाद बुधवार (25 सितंबर) को गुजरात स्वास्थ्य सचिव और आयुक्त ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की. जिसके अनुसार पंजीकरण रजिस्ट्रार के नाम परिवर्तन की स्थिति में ‘उपनाम’ शब्द का उपयोग किया जा सकता है।

राज्य सरकार ने जन्म और मृत्यु पर केंद्र सरकार की सलाह को स्वीकार कर लिया, लेकिन पाया कि कई उप-नियम और कई चीजें बाकी थीं। इसे जोड़ते हुए, नागरिकों की परेशानी को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक नई अधिसूचना जारी की गई है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र में दोनों नाम लिखे होने चाहिए, लेकिन अगर दोनों नाम स्वीकार नहीं किए जाते हैं, तो रजिस्ट्रार के पास सबूत के साथ आवेदन करना होगा। रजिस्ट्रार को सुधार की सत्यता की जांच करनी होगी और दोनों नामों को दर्ज करना होगा।

अधिसूचना की जानकारी

  • जहां रजिस्ट्रार ने संशोधन के लिए आवेदन किया है और आवेदन के समर्थन में अन्य फोटो पहचान पत्र नोट किए जाएंगे।
  • प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए रजिस्ट्रार उपनाम का उपयोग कर सकता है। यदि आवेदक इसे स्वीकार नहीं करता है तो प्रमाणिकता की जांच कर जन्म रजिस्टर के कॉलम में परिवर्तन के अनुसार सुधार एवं तिथि सहित दोनों नाम अंकित करें।
  • चूंकि यह साक्ष्य का एक बहुत ही महत्वपूर्ण टुकड़ा है, यदि जन्म या मृत्यु रिकॉर्ड में कोई भी महत्वपूर्ण विवरण गलत या धोखाधड़ी वाला पाया जाता है, तो साक्ष्य पूरी तरह से संतुष्ट होने तक किसी भी बदलाव की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • अधिसूचना और कानून के मुताबिक क्लर्क की गलती को सुधारना होगा।
  • किसी आवेदक का आवेदन सिर्फ इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता कि वह क्लेरिकल एरर नहीं है।
  • इससे पहले 12 अगस्त 2019 और 18 फरवरी 2016 की संबंधित अधिसूचना को 2 दिसंबर 2021 को रद्द कर दिया गया है, ऐसी रद्द अधिसूचना के संदर्भ में कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा। वर्तमान नोटिफिकेशन के आधार पर ही आवेदन पर निर्णय लेना होगा।

नगर पालिका को इसकी सूचना मिलने के बाद इसे लागू करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। हालांकि, विशेष रूप से नाबालिग के मामले में जब ड्राइविंग लाइसेंस, चुनाव कार्ड जैसे कोई पहचान दस्तावेज नहीं होते हैं, तो आधार के अलावा सबूत कहां से प्राप्त करें, इस पर भी विचार किया गया है।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Sep 26, 2024 04:06 PM

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