Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात चुनाव मतदान की तारीखों के ऐलान के बाद सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने समीकरण बैठाने में लग गई हैं। गुजरात में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी की यहां के आदिवासी वोटरों पर पहली नजर है। बता दें गुजरात में करीब 15 फीसदी आबादी आदिवासियों की है। आदिवासियों के लिए कुल तकरीबन 27 सीटें रिजर्व हैं।
कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी सभी आदिवासी वोट बैंकों को लुभाने में लगी हैं। गुजरात में कुल 27 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं। जो यहां की कुल आबादी का 15 फीसदी हिस्सा है। प्रमुख पार्टियों को छोड़ दें तो गुजरात में भारतीय ट्राइबल पार्टी भी आदिवासी वोटों पर अपनी पकड़ रखती है।
10 जिलों में अधिक आदिवासी
जानकारी के मुताबिक राज्य में ऐसे 10 जिले हैं जहां आदिवासी अधिक हैं। इसके अलावा राज्य की 40 सीटों पर आदिवासी वोटर अपना प्रभाव रखते हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो राष्ट्र्रपति पद पर द्रौपदि मुर्मू का चुनाव कर
बीजेपी आदिवासी समुदाय को साधने के लिए पहले ही अपना दांव चल चुकी है। पिछले कुछ दिनों से गुजरात में आप आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ताबड़तोड़ दौरे कर कई चुनावी वादों का ऐलान किया है।
पहले यह रहे नतीजे
पिछले विधानसभा चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो आदिवासी बहुल सीटों पर बीजेपी का वोट शेयर कांग्रेस के लगभग बराबर था। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर बढ़कर 52 फीसदी हो गया था। जबकि कांग्रेस का 38 फीसदी ही रह गया। इस बार आप पार्टी भी मैदान में है। बता दें अगस्त में ही आप ने आदिवासी समुदायों को संविधान की पांचवीं अनुसूची और पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम (PESA अधिनियम) को गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में लागू करने का वादा किया है।